रांची :भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ रैली 31 को

रांची : राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की ओर से 31 अक्तूबर को भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ महारैली का आयोजन किया गया. रैली मोरहाबादी मैदान में दिन के एक बजे से होगी. इसको लेकर पूरे राज्य में वृहत स्तर पर तैयारी की जा रही है. रैली में लाखों लोग शामिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2017 8:51 AM
रांची : राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की ओर से 31 अक्तूबर को भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ महारैली का आयोजन किया गया. रैली मोरहाबादी मैदान में दिन के एक बजे से होगी. इसको लेकर पूरे राज्य में वृहत स्तर पर तैयारी की जा रही है. रैली में लाखों लोग शामिल होंगे. यह जानकारी पूर्व मंत्री सह झाविमो नेता बंधु तिर्की ने दी. झाविमो कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि यह आदिवासी-मूलवासी के अस्तित्व की लड़ाई है. इससे राज्य में नया विकल्प तैयार होगा.
रैली में शामिल होने का िदया गया है निमंत्रण: उन्होंने बताया कि रैली में झाविमो के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता, राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी, राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, पूर्व विधायक विनोद सिंह, दयामनी बारला, ग्लैडशन डुंगडुंग, बासवी किड़ो, पूर्व एमएलसी अमानत अंसारी ने आने की सहमति प्रदान कर दी है. समिति ने सरना कोड को लागू करने की भी मांग की है. मौके पर आदिवासी सेना के शिवा कच्छप, बिरसा सेवा दल के लक्ष्मी नारायण मुंडा, झारखंड छात्र संघ के एल अली, बेलस तिर्की समेत कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
प्रमुख विपक्षी दलों के नेता रहेंगे मौजूद
सीएनटी-एसपीटी के आंदोलन का केस वापस करें
श्री तिर्की ने कहा कि जन विरोध के कारण सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट वापस ले लिया, ऐसे में आंदोलन के दौरान दर्ज किये गये केस को भी सरकार वापस ले. साथ ही खूंटी में ग्राम प्रधान के ऊपर दर्ज केस को भी सरकार वापस ले. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के वापस होने के बाद आदिवासी व मूलवासियों की जमीन लूटने के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक लाया गया है.
मुख्य सचिव व उपायुक्त पर हो कार्रवाई
श्री तिर्की ने कहा कि सिमडेगा में भूख से हुई बच्ची की मौत के मामले में सरकार मुख्य सचिव व जिले के उपायुक्त के खिलाफ कार्रवाई करे. मुख्य सचिव के आदेश से 11 लाख लोगों का राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है. इसकी वजह से 50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं.

Next Article

Exit mobile version