रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्ष के दलों पर दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सिमडेगा में बच्ची की मौत पर भी विपक्ष राजनीति कर रहा है. उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि सिमडेगा में संतोषी की मौत भूख से नहीं हुई है, बल्कि उसकी मौत मलेरिया से हुई है. मृतका के घर में और भी बच्चे हैं, अगर घर में अनाज नहीं थी उन्हें खाना कहां से मिलता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल ऐसी घटनाओं पर राजनीति ना करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन कर्मचारियों की लापरवाही से राशन कार्ड को आधार कार्ड से नहीं जोड़ा गया था, उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहींधनबाद में एक रिक्शा चालक की कथित भूख से मौत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसके दो बेटे हैं. वे 7 से 8 हजार रुपये महीना कमाते हैं. ऐसे में भूख से मरने की बात गलत है. वह शख्स पिछले एक महीने से बीमार था.
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आपको बता दें कि सोमवार को सिमडेगा में कथित रूप से भूख से हुई मौत की जांच के लिए झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम गांव गयी थी. आयोग के सदस्यों द्वारा किये गये जांच में पाया गया कि संतोषी को मलेरिया था, उसकी मौत मलेरिया से हुई है नाकि भूख से. आयोग की जांच में यह भी बात सामने आयी कि संतोषी के ईलाज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से भी लापरवाही बरती गयी.
इस मामले में एएनएम को निलंबित भी किया गया. टीम ने जब आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया तो वहां एक्सपायरी डेट की दवाइयां मिली. इसपर आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने आंगनबाड़ी सेविका को डांट पिलायी. वहीं एएनएम पर आरोप है कि संतोषी की मौत के एक दिन पहले वह उसके घर गयी थी. अगर संतोषी की तबियत ज्यादा खराब थी तो उसे अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं कराया गया. वहीं स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कभी भी समय से नहीं खुलता, वहां दवाओं की भी घोर कमी है.