सिमडेगा मामला : बाल संरक्षण आयोग की जांच में खुलासा, मलेरिया से हुई संतोषी की मौत

रविकांत, सिमडेगा संतोषी की मौत में सोमवार को नया मोड़ आ गया है. संतोषी कुमार की मौत मलेरिया से हुई है. उसकी मां कोयली देवी संतोषी का इलाज कराने पीएचसी (प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र) भी गयी थी लेकिन पीएचसी बंद था. इसके बाद गांव के ही आरएमपी ने संतोषी का इलाज किया था. डॉक्‍टर ने उसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2017 9:00 PM

रविकांत, सिमडेगा

संतोषी की मौत में सोमवार को नया मोड़ आ गया है. संतोषी कुमार की मौत मलेरिया से हुई है. उसकी मां कोयली देवी संतोषी का इलाज कराने पीएचसी (प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र) भी गयी थी लेकिन पीएचसी बंद था. इसके बाद गांव के ही आरएमपी ने संतोषी का इलाज किया था. डॉक्‍टर ने उसे दो इंजेक्‍शन भी लगाया था और बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी थी. ये बातें झारखंड राज्‍य बाल संरक्षण आयोग की अध्‍यक्ष आरती कुजूर और सदस्‍य भूपन साहू ने कही.

आयोग की टीम संतोषी के परिजनों से मिलने सिमडेगा के कारीमाटी गांव पहुंची हुई थी. गांव का दौरा करने तथा कोयली देवी के परिवार से मिलने के बाद आरती कुजूर ने कहा कि बच्ची जिसके यहां बकरी चराने का काम करती थी वे लोग उसे खाना देते थे. भुख से बच्ची की मौत नहीं हुई है. आरती कुजून ने बताया कि मलेरिया से भी बच्ची अगर मरी है तो स्वास्थ्य विभाग इसमें दोषी है.

ये भी पढ़ें… CM रघुवर ने कहा, बच्‍ची की मौत मलेरिया से हुई थी भूख से नहीं, विपक्ष मौत पर ना करे राजनीति

आयोग की टीम ने गांव में कोयली देवी के परिवार के अन्य बच्चों के अलावा आसपास के बच्चों को भी कुपोषण से ग्रसीत पाया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोग कुपोषण पर गंभीरता से काम करें. आरती कुजूर ने कहा कि गांव मलेरिया से प्रभावित है. ऐसी स्थित में स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही और भी बढ़ जाती है. राशन लोगों को नियमित रूप से मिले अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें.

संतोषी के दादी के खाते में थे 1360 रूपये

संतोषी की मौत 28 सितंबर को हुई. उसकी मां कोयली देवी के अनुसार बच्ची भूख से मर गयी. उसके घर में अनाज नहीं था. बच्ची ने भूख से दम तोड़ दिया. किंतु कोयली देवी ने आसपास के लोगों से बच्ची के लिये खाना तक नहीं मांगा. दूसरी ओर बीडीओ संजय कोंगाड़ी ने एसडीओ जगबंधु महथा को बताया कि कोयली देवी की सास के जलडेगा स्थित को-आपरेटिव बैंक में 29 सितंबर को 1360 रूपये थे.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर

ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है. पीएचसी समय से नहीं खुलता, अगर खुलता है तो उसके कोई एएनएम या चिकित्सक नहीं होता. संतोषी बीमार थी. बिमार संतोषी को इलाज के लिये कोयली देवी स्वयं पीएचसी ले गयी थी लेकिन पीएचसी बंद था. अगर समय से संतोषी को उचित इलाज मिल जाती तो शायद वह बच सकती थी.

एएनएम निलंबित

कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एएनएम को निलंबित कर दिया गया है. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि एएनएम माला देवी 27 सितंबर को कोयली देवी के घर गयी थी. अगर संतोषी की तबीयत खराब थी तो उसने संतोषी को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती क्‍यों नहीं कराया. भजंत्री ने बताया कि एएनएम पीएचसी में भी नहीं जाती थी. कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एएनएम को निलंबित किया गया है.

एक्सपायरी डेट की दवाइयां मिली

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कुजुर ने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया. निरीक्षण में आंगनबाड़ी केंद्र के बॉक्स में इक्सपायरी आयरन की गोली पायी गया. इस पर आरती कुजूर ने सेविका को डांट पिलायी तथा तत्काल एक्सपायरी दवा को को हटाने का निर्देश दिया. आंगनबाड़ी में साफ सफाई रखने का भी निर्देश दिया गया. उन्होंने समाज कल्याण पदाधिकारी को सभी आंगनबाड़ी केंद्र में सुधार करने का निर्देश दिया.

Next Article

Exit mobile version