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झारखंड-वनांचल व जेपी आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग के सदस्य ने कहा, आंदोलनकारियों की पहचान आसान बनायेगा आयोग
जमशेदपुर/रांची: झारखंड-वनांचल व जेपी आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान को और आसान बनायेगा. इसके लिए नये नियम भी जोड़े जा रहे हैं. यह जानकारी आयोग के दो सदस्य डॉ देवशरण भगत और सुनील फकीरा कच्छप ने जमशेदपुर सर्किट हाउस में सोमवार को ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में दी. दोनों सदस्य आंदोलनकारियों की पहचान […]
जमशेदपुर/रांची: झारखंड-वनांचल व जेपी आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान को और आसान बनायेगा. इसके लिए नये नियम भी जोड़े जा रहे हैं. यह जानकारी आयोग के दो सदस्य डॉ देवशरण भगत और सुनील फकीरा कच्छप ने जमशेदपुर सर्किट हाउस में सोमवार को ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में दी. दोनों सदस्य आंदोलनकारियों की पहचान करने और उससे जुड़े दस्तावेजों को देखने शहर आये हैं. इन लोगों ने आंदोलन से जुड़े तीन आंदोलनकारियों से मुलाकात कर उनसे बातचीत की. उनके दस्तावेज को देखा. दस्तावेजों को किस तरह दुरुस्त कर सकते हैं, इसकी जानकारी दी.
थानेदार तक दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराते हैं, एक्सटेंशन पर चलता है आयोग
आयोग के सदस्य सुनील फकीरा कच्छप ने बताया कि आंदोलनकारियों को थानेदार तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाते हैं. एसडीओ भी केस से संबंधित जानकारी न तो आयोग को और न ही आंदोलनकारियों को दे पाते हैं. आयोग के सदस्यों के मुताबिक वे लोग भी एक्सटेंशन पर चलते हैं. कभी साल भर तो कभी छह माह का एक्सटेंशन दे दिया जाता है. इधर, झारखंड आंदोलन से जुड़े 62 हजार आवेदन जबकि जेपी आंदोलन के 1300 आवेदन आये हैं. झारखंड आंदोलनकारियों के सिर्फ 4000 लोगों की पहचान हो पायी है, शेष अन्य के दस्तावेज नहीं हैं. ऐसे में आयोग भी ढंग से काम नहीं कर पाता है.
ग्रामसभा या शहरी निकाय के पार्षद भी कर सकेंगे पहचान
डॉ देवशरण भगत ने बताया कि अगर ग्रामसभा या शहरी निकाय के वार्ड पार्षद से भी पहचान करा ली जाती है, तो आंदोलनकारियों को मान्यता दे दी जायेगी. उन्होंने बताया कि बहुत लोगों पर एफआइआर भी नहीं हुआ है. चर्चित नेताओं की पहचान तो हो जाती है, लेकिन कार्यकर्ताओं के मामले में दिक्कतें पेश आ रही हैं. ऐसे लोगों के लिए यह सुविधा दी गयी है कि ग्रामसभा या शहरी निकाय के वार्ड पार्षद या फिर कोई आंदोलनकारी, जिसकी पहचान उस इलाके में हो चुकी है, वह खुद इसको सत्यापित करें कि फलां व्यक्ति भी आंदोलनकारी है तो उसको मान्यता दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि आरटीआइ से भी यह दस्तावेज मांगने को कहा गया है, लेकिन ये दस्तावेज तक उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं.
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