पत्नी ने पति की जाति पर ही उठा दिया सवाल

रांची: एक महिला ने पति की जाति पर सवाल उठाया है. पथ निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत पति शिवशंकर चौधरी को पिछड़ी जाति (अोबीसी) का बताते हुए अनुसूचित जाति (एससी) के नाम पर आरक्षण लेने का आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि एेसा करना ठीक नहीं है़ इससे समाज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 8:08 AM
रांची: एक महिला ने पति की जाति पर सवाल उठाया है. पथ निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत पति शिवशंकर चौधरी को पिछड़ी जाति (अोबीसी) का बताते हुए अनुसूचित जाति (एससी) के नाम पर आरक्षण लेने का आरोप लगाया है. महिला का कहना है कि एेसा करना ठीक नहीं है़ इससे समाज में गलत संदेश जाता है. महिला ने पहली शिकायत पथ निर्माण विभाग में ही की थी. तब श्री चौधरी दुमका में कार्यरत थे.

शिकायत मिलने के बाद विभाग ने इसकी जांच श्री चौधरी के गृह जिला नवादा के डीएम से करायी थी. डीएम, नवादा ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में श्री चौधरी को कुर्मी जाति का बताया है. इसके बाद श्री चौधरी को निलंबित कर उन्हें निलंबन अवधि में साहेबगंज मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है. वहीं विभाग ने इस मामले की जांच झारखंड राज्य जाति छानबीन समिति (कास्ट स्क्रूटनी कमेटी) कौ सौंप दी है. इसके बाद श्री चौधरी की पत्नी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अपने बेटे के साथ सचिवालय आकर फिर से अपने पति की शिकायत कर न्याय करने को कहा है. इधर समिति अभी मामले की जांच कर रही है.
बढ़ रहे हैं जातिगत विवाद के मामले
राज्य की जाति छानबीन समिति के पास जाति संबंधी विवाद के मामलों की संख्या बढ़ रही है. अब तक पांच मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. वहीं करीब 12 मामलों की जांच जारी है. जबकि तीन मामले छानबीन समिति को अभी मिलने हैं.
कमेटी करती है छानबीन
गौरतलब है कि सभी राज्यों में जाति संबंधी छानबीन के लिए एक कमेटी होती है. झारखंड की इस कमेटी में कल्याण व समाज कल्याण विभाग के सचिव, आदिवासी कल्याण आयुक्त तथा जाति संबंधी मामले के एक जानकार हैं. दोनों विभागों के सचिव में से वरिष्ठतम इस कमेटी के अध्यक्ष होते हैं. शेष बतौर सदस्य होते हैं. जाति संबंधी जानकार के तौर पर वर्तमान में प्रेमचंद मुर्मू समिति के सदस्य हैं. समिति आमतौर पर सरकारी कर्मियों या जन प्रतिनिधियों की जाति संबंधी जांच करती है. सरकार या कोर्ट के आदेश पर अथवा व्यक्तिगत रूप से की गयी शिकायत के आधार पर भी यह जांच होती है.

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