हाइस्कूल के 668 प्रधानाध्यापक पद के लिए 3,793 आवेदन जमा
रांची: शैक्षणिक सत्र 2018-19 के शुरू होने के पूर्व राज्य के हाइस्कूलों में प्रधानाध्यापक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा को लेकर आवेदन जमा लेने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. प्रधानाध्यापक के 668 पद के लिए 3,793 आवेदन जमा हुए हैं. झारखंड लोक सेवा आयोग ने आवेदन की स्क्रूटनी की […]
रांची: शैक्षणिक सत्र 2018-19 के शुरू होने के पूर्व राज्य के हाइस्कूलों में प्रधानाध्यापक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा को लेकर आवेदन जमा लेने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. प्रधानाध्यापक के 668 पद के लिए 3,793 आवेदन जमा हुए हैं. झारखंड लोक सेवा आयोग ने आवेदन की स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्क्रूटनी के बाद परीक्षा की तिथि घोषित की जायेगी.
परीक्षा झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली जायेगी. परीक्षा 500 अंकों की होगी. इसमें 200 अंक का सामान्य ज्ञान व 300 अंक की संबंधित विषय की परीक्षा होगी. मेरिट लिस्ट दोनों पत्र में प्राप्त अंक के आधार पर तैयार की जायेगी. प्रश्न पत्र एक व दो के योग में न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए न्यूनतम अंक 45 फीसदी निर्धारित किया गया है.
प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय होगा. दोनों पत्र में स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे जायेंगे. प्रधानाध्यापक के 668 पद में से 334 पद अनारक्षित हैं, जबकि 174 पद अनुसूचित जनजाति, 67 पद अनुसूचित जाति 53 पद अति पिछड़ा वर्ग व 40 पद पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है. सरकार के प्रावधान के अनुरूप आदिम जनजाति, खिलाड़ी, नि:शक्त अभ्यर्थियों के लिए भी पद आरक्षित किया गया है. राज्य में लगभग 1300 उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, इनमें से एक भी विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं हैं.
प्रोन्नति से भरे जायेंगे आधे पद
हाइस्कूल में 668 पदों पर सीधी नियुक्ति के अलावा लगभग इतने ही पद हाइस्कूल में कार्यरत शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जायेंगे. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जिलों से प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकों का नाम माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दिया गया है. निदेशालय स्तर पर स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. प्रोन्नति के लिए तैयार की जानेवाली वरीयता सूची में सबसे पहले प्रवरण वेतनमान प्राप्त शिक्षकों को रखा जायेगा. इसके बाद वरीय वेतनमान प्राप्त शिक्षक को रखा जायेगा. प्रधानाध्यापकों के पदस्थान के लिए राज्य स्तर पर स्थापना समिति का गठन किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक समिति के पदेन अध्यक्ष हैं.