पत्थलगड़ी का दुरुपयोग कर रही हैं राष्ट्रविरोधी शक्तियां : समीर उरांव

रांची: भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर उरांव ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय में कहा कि पत्थलगड़ी की मूल भावनाओं का दुरुपयोग करते हुए कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियां राज्य में अशांति फैलाना तथा सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना चाहती हैं. कहा कि पत्थलगड़ी जनजाति समाज की संस्कृति और पहचान से जुड़ी परंपरा है, जो समाज के द्वारा अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2017 7:02 AM
रांची: भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर उरांव ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय में कहा कि पत्थलगड़ी की मूल भावनाओं का दुरुपयोग करते हुए कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियां राज्य में अशांति फैलाना तथा सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना चाहती हैं. कहा कि पत्थलगड़ी जनजाति समाज की संस्कृति और पहचान से जुड़ी परंपरा है, जो समाज के द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति तथा कुछ ऐतिहासिक कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता रहा है.

परंतु आज जिस प्रकार से कतिपय लोगों द्वारा विशेषकर खूंटी, सिमडेगा के गांवों में बाहरी व्यक्ति को प्रवेश से रोकने के लिए लगाया जा रहा है तथा उसमें गैर कानूनी भाषा का भी प्रयोग किया जा रहा है, भाजपा इसकी भर्त्सना करती है और समाज के भोले-भाले लोगों को दिग्भ्रमित कर ऐसे असंवैधानिक कार्य करने वालों को हरकतों से बाज आने की चेतावनी देती है.

ग्रामीणों को गलत कार्यों के लिए प्रेरित करना बंद करें
प्रदेश उपाध्यक्ष श्री उरांव ने कहा कि आज ऐसे क्षेत्रों में अपराधियों और कुछ राष्ट्र विरोधी संगठनों की सांठगांठ से प्रतिबंधित फसल की खेती हो रही है. सीधे-साधे ग्रामीणों को तात्कालिक लाभ की दृष्टि से गलत कार्यों के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसमें स्पष्ट रूप से धर्मांतरण कराने वाली ताकतें तथा उसके कार्यकर्ता शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पेसा कानून के संदर्भ में तथा राज्य पंचायती राज अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है, जिसमें राज्य के कानून को सही बताते हुए इसकी सराहना की गयी है. इसमें कहा गया है कि इसमें पेसा कानून की मूल भावना का ख्याल पूरी तरह रखा गया है. फिर भी कुछ संगठन इसके विषय में दिग्भ्रमित कर भोली-भाली जनता को बरगला रहे हैं. उन्होंने जनजाति समाज से अपील की है कि वे ऐसी ताकतों से बचे जिन्होंने उनकी परंपरा, संस्कृति से खिलवाड़ किया है. श्री उरांव ने कहा कि धर्मांतरण निषेध लागू होने के बाद ऐसी ताकतें घबरा गयी हैं.

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