राज्यपाल से मिला आदिवासी मंच का प्रतिनिधिमंडल, ज्ञापन सौंपा, पेसा के अनुरूप नियमावली बनाने का निर्देश ठंडे बस्ते में
रांची: आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने राज्यपाल से विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की शिकायत की है. मंच की ओर से कहा गया कि विस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के निर्देश को ठंडे बस्ते में डाल रखा है़ केंद्र सरकार ने पेसा अधिनियम के आलोक में नियमावाली बनाने का निर्देश दिया था. पिछले साल चार व पांच […]
इसके आलोक में 16 जून 2016 को केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को निर्देशित किया कि पेसा पर नियमावली बनायें. पंचायती राज कमेटी के अध्यक्ष, विधायक दीपक बिरुवा ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव से इस बाबत अनुशंसा की थी, पर विस अध्यक्ष ने इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया़ यहां तक कि राज्यपाल को भी इस महत्वपूर्ण विषय की सूचना नहीं दी गयी़.
अनुसूचित क्षेत्रों में जिला स्तर पर गठित की जानेवाली स्वशासी जिला परिषद द्वारा ही नगर निगम/नगरपालिका/नगर परिषद के कार्यों को संचालित किया जाना है़ अधिनियम 1996 की शीर्ष धाराओं का अनुपालन भी उपर्युक्त दोनों स्तरों पर गठित स्वशासी जिला परिषद/क्षेत्रीय परिषद और विशेष ग्राम सभा के द्वारा ही संचालित किया जाना है़ इस अधिनियम की धारा पांच के अनुसार अधिनियम 1996 के प्रावधानों को संशोधित करने की समय सीमा राष्ट्रपति की सहमति से 24 दिसंबर 1996 के एक साल के बाद समाप्त हो चुकी है़ इनमें अब किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकता़ प्रतिनिधिमंडल में वाल्टर कंडुलना, पुतुल सुजाना सिंह, प्रभाकर कुजूर व जी तिग्गा शामिल थे़.