उस दौरान सुझाव दिया था कि कोयला खदानों के पानी को फिल्टर कर उसका सदुपयोग करना चाहिए. इस संबंध में श्री अग्रवाल लंबे समय से प्रयास कर रहे थे. श्री गोयल ने इस सुझाव पर सहमति जताते हुए घोषणा भी कर दी थी.
इस योजना को कार्यरूप देने के लिए 30 अक्तूबर को राज्य सरकार और कोल इंडिया के साथ समझौता होगा. इसके जरिये झारखंड स्थित कोल इंडिया की तीनों कंपनियों की लगभग पांच सौ खदानों के पानी का सदुपयोग किया जायेगा. इसका पेयजल के साथ ही सिंचाई तथा अन्य कार्यों में भी उपयोग हो सकेगा. श्री पोद्दार के अनुसार कोयलांचल में पानी के घोर संकट के आलोक में यह कदम बड़ी सफलता है.