गैरमजरुआ जमीन के आंकड़े जुटायेंगे, सार्वजनिक करेंगे
रांची: भूमि-अर्जन विधेयक व धर्म स्वातंत्र्य कानून को खारिज कराने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा के लिए सामाजिक व जन संगठनों की बैठक रविवार को एक्सआइएसएस सभागार में हुई़ इसमें निर्णय लिया गया कि सभी जनसंगठन अपने- अपने कार्यक्षेत्र की गैर मजरुआ जमीन के आंकड़े जुटायेंगे़ इसी क्रम में बगईचा द्वारा खूंटी- तोरपा क्षेत्र […]
रांची: भूमि-अर्जन विधेयक व धर्म स्वातंत्र्य कानून को खारिज कराने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा के लिए सामाजिक व जन संगठनों की बैठक रविवार को एक्सआइएसएस सभागार में हुई़ इसमें निर्णय लिया गया कि सभी जनसंगठन अपने- अपने कार्यक्षेत्र की गैर मजरुआ जमीन के आंकड़े जुटायेंगे़ इसी क्रम में बगईचा द्वारा खूंटी- तोरपा क्षेत्र का आंकड़ा जुटाया जायेगा़ आंकड़े 13 नवंबर को सार्वजनिक किये जायेंगे़.
फादर स्टेन स्वामी व अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए लैंड बैंक बना रही है, जिसमें गैर मजरुआ आम, गैर मजरुआ खास और जंगल- झाड़ की जमीन ली जा रही है़ सरकार ने गैर मजरुआ आम के तहत आने वाली नदी-नाले, तालाब, सरना- मसना, कब्रिस्तान, रास्ता आदि को भी लैंड बैंक में शामिल किया है, जो गलत है़.
अनुसूचित क्षेत्राें में ग्रामसभा का परामर्श नहीं लिया गया, न जनजातीय परामर्शदात्री परिषद में भी इसका प्रस्ताव रखा गया, बल्कि यह आदेश एक्जीक्यूटिव आॅर्डर के तहत जारी हुआ है़ यह गैर कानूनी है़ सेमिनार में डॉ एलेक्स एक्का, पीपी वर्मा, नौशाद खान, एनसी गर्ग, फादर अमृत, प्रभाकर तिर्की, फादर जेवियर सोरेंग, मो सज्जाद, अकील खान, मो फैयाज, दीपक तिर्की, जेरोम जेराल्ड कुजूर, विजय मुंडू, प्रवीर पीटर व अन्य ने भी विचार रखे़
पत्थलगड़ी में दर्ज हैं ग्राम सभा की शक्तियां
एक सवाल के जवाब में फादर स्टेन ने कहा कि पत्थलगड़ी परंपराओं के अनुसार विरोध है़ सरकार पेसा कानून व पांचवी अनुसूची का उल्लंघन कर रही है़ पत्थलगड़ी में ग्राम सभा के अधिकार अंकित है़ं इससे समुदाय को भी अपने अधिकारों के बारे में जानकारी मिलती है़ जहां-जहां ग्राम सभा सशक्त हैं, वहां पत्थलगड़ी हो रही है़.