स्कूल के बच्चों को पढ़ा रहे थे मैट्रिक फेल पारा शिक्षक, जांच के बाद हुआ खुलासा

रांची/गिरिडीह : राज्य में एक के बाद एक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत शिक्षकों का मामला सामने आ रहा है. स्थायी व पारा दोनों तरह के शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त होने का मामला सामने आ रहा है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश पर राज्य के पारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2017 7:59 AM
रांची/गिरिडीह : राज्य में एक के बाद एक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत शिक्षकों का मामला सामने आ रहा है. स्थायी व पारा दोनों तरह के शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त होने का मामला सामने आ रहा है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश पर राज्य के पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराया जा रहा है.

गिरिडीह में पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन में 65 शिक्षकों के मैट्रिक व इंटर का प्रमाण पत्र संदेहास्पद पाया गया है. वहीं,14 पारा शिक्षक मैट्रिक में अनुत्तीर्ण पाये गये हैं, वहीं 14 पारा शिक्षक का सर्टिफिकेट अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी हुआ है.

मैट्रिक फेल पारा शिक्षक वर्षों से विद्यालयाें में पठन-पाठन का कार्य कर रहे थे. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने इन पारा शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रमाण पत्र का सत्यापन बिहार विद्यालय परिषद समिति पटना से कराया गया. इन पारा शिक्षकों को शो कॉज करते हुए डीएसइ कमला सिंह ने उन्हें फिलहाल काम से अलग रहने का निर्देश संबंधित बीइइओ को दे दिया है.

मंगलवार को विज्ञान भवन में पत्रकारों से बातचीत में डीएसइ ने कहा कि डुमरी के बीइइओ कामेश्वर महतो व विद्यानंद मुर्मू की अगुआई में एक टीम बनायी गयी थी. टीम में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना जाकर संबंधित पारा शिक्षकों के मैट्रिक के सर्टिफिकेट की जांच करायें.

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