रांची : तीन दिवसीय झारखंड माइनिंग शो 2017 के समापन समारोह से पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को कहा कि कारोबारी झारखंड में निवेश करने के लिए तैयार हैं. अब कोयले से मिथेनॉल बनाने पर जोर देना होगा. उन्होंने खनन कंपनियों से अपील की कि वे झारखंड में खनन उत्पादन बढ़ाने में सहयोगी बनें.
अब कोयले से मेथनॉल बनाने पर जोर,झारखण्ड में कंपनियां खनन उत्पादन बढ़ाने में सहयोगी बनें. #JharkhandMiningShow के दूसरे दिन की झलकियां। pic.twitter.com/rCYkGuO2cp
— Raghubar Das (@dasraghubar) November 1, 2017
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं को शिक्षित करने के लिए गढ़वा, देवघर, हंसडीहा, गुमला और कांके में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गयी है. अपने ट्वीट के जरिये सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीद्वारा व्यापार सुधार की दिशा में उठाये गये कदम की सराहना भी की. उन्होंने लिखा, ‘धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपके नेतृत्व में हुए आर्थिक सुधारों के दम पर ही हमयहां तक पहुंच सकेहैं. हर हिंदुस्तानी को आप पर गर्व है.’
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माइनिंग शो का समापन एक नवंबर को है. दोपहर 2 बजे से समापन समारोह का आयोजन होगा. झारखंड में खनिजों की खोज की लिए एमइसीएल के साथ एमओयू होगा. मुख्य अतिथि केंद्रीय खान सचिव अरुण कुमार होंगे. एसएसटीसी के सीएमडी बीबी सिंह, मेकन सीएमडी अतुल भट्ट, एमइसीएल के सीएमडी गोपाल धवन, एनएमडीसी के सीएमडी एन बैजेंद्र कुमार, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे व खान सचिव सुनील बर्णवाल भी मौजूद रहेंगे.
#JharkhandMiningShow के दूसरे दिन की झलकियां. झारखण्ड में निवेश को तैयार हैं कारोबारी। pic.twitter.com/QfceLIAwxJ
— Raghubar Das (@dasraghubar) November 1, 2017
ज्ञात हो कि झारखंड माइनिंग शो 2017 के दूसरे दिन तकनीकी सत्र का सेमिनार कोयले के वैकल्पिक उपयोग पर आधारित रहा. सेमिनारमें अडाणी ग्रुप के सीइओ राजेश झा ने कहा कि कोयले से सिंथेटिक गैस के विकल्प पर जाना चाहिए. ऐसा करनेसे हम कोयले के आयात में 50 प्रतिशत की कमी कर सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि कोयला से यूरिया, अमोनिया, मिथेनॉल जैसे केमिकल बनते हैं. देश में अर्से से कोयला का इस्तेमाल केवल बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है. इसके वैल्यू एडिशन पर जोर दिया जाये, तो बिजली से ज्यादा आय हो सकती है. श्री झा ने कहा कि इस समय चीन कोयला से फर्टिलाइजर, पेट्रो केमिकल जैसे उत्पाद बना रहा है. वह 500 मीट्रिक टन का उत्पादन कर रहा है.