छतीसगढ़ के व्यक्ति को यहां का मुख्यमंत्री बना दिया गया है, जिसे न तो यहां की भौगोलिक स्थिति की जानकारी है और न ही उनका कोई हित-कुटुंबी झारखंड में है. ऐसे मुख्यमंत्री से यहां के लोगों के हितों की रक्षा कैसे हो सकती है.
उन्होंने कहा कि लोगों के अधिकार एवं न्याय के लिए आगामी 6 तारीख तक न्याय यात्रा पर रहेंगे. प्रदेश में शराब बेचने वाले को 25 हजार महीना मिलता है. वहीं, शिक्षा की अलख जगाने वाले पारा शिक्षकों को 7-8 व 10 हजार रुपये महीना मिलता है. प्रदेश में गरीब जनता भूख से मर रही है. रा हाल ही में सिमडेगा, धनबाद व देवघर में भूख से गरीब मर गये. लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है. उसे सिर्फ कॉरपोरेट घरानों को जमीन देने की चिंता है.