सूचना के अधिकार से हुआ मामले का खुलासा, गव्य पदाधिकारी व बैंक मैनेजर पर गबन का केस
गुमला : जिला गव्य तकनीकी पदाधिकारी प्रमोद और इंडियन ओवरसीज बैंक के शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार व संतोष कुमार के खिलाफ मेघनाथ प्रसाद ने सीजेएम कोर्ट में गबन का परिवाद दायर किया. पालकोट के तिर्रा गांव निवासी मेघनाथ ने 70 हजार रुपये गबन करने का आरोप लगाया है. परिवाद पत्र में मेघनाथ ने कहा है […]
गुमला : जिला गव्य तकनीकी पदाधिकारी प्रमोद और इंडियन ओवरसीज बैंक के शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार व संतोष कुमार के खिलाफ मेघनाथ प्रसाद ने सीजेएम कोर्ट में गबन का परिवाद दायर किया. पालकोट के तिर्रा गांव निवासी मेघनाथ ने 70 हजार रुपये गबन करने का आरोप लगाया है. परिवाद पत्र में मेघनाथ ने कहा है कि वर्ष 2014-15 में उसके नाम से जिला गव्य विकास कार्यालय (गुमला) से प्रथम किस्त में पांच गाय की राशि स्वीकृत हुई. काफी दौड़ धूप के बाद भी उसे राशि नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि प्रमोद कुमार ने जिला गव्य कार्यालय में कुछ फाॅर्म एवं कागजात पर बिना तिथि लिखे मुझसे हस्ताक्षर कराया और कहा कि पैसे आपके बैंक खाता में जायेगा, फिर आपको व्यापारी गाय देंगे. लेकिन उन्हें एक भी गाय नहीं मिली. वह जिला गव्य कार्यालय, तो कभी बैंक गया, लेकिन कहीं से सही जानकारी नहीं दी गयी. इसके बाद उन्होंने 20 फरवरी को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी.
विभाग की ओर से बैंक के स्टेटमेंट के साथ सूचना दी गयी, जिसमें एक मार्च को एक लाख 75 हजार रुपये की निकासी एवं तीन मार्च को लोन डिपोजिट अर्थात उनके खाता में एक लाख पांच हजार रुपये की वापसी दिखायी गयी है, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस प्रकार उनके इंडियन ओवरसीज बैंक के लोन खाता नंबर एमइजीएच 154403203000001 से 70 हजार रुपये की राशि का गबन कर लिया गया. यह जानकारी सूचना अधिकार के तहत पांच अप्रैल को प्राप्त बैंक स्टेटमेंट से हुई. बचाव में लिखा गया है कि मैंने गाय लेने से इंकार कर दिया हूं.