मजदूर को बना दिया उग्रवादी दूसरे के नाम का इश्तेहार सौंपा

रांची : हजारीबाग जिले के गिद्दी थाना क्षेत्र स्थित कुरा गांव निवासी दिहाड़ी मजदूर दिलीप भोक्ता को पुलिस ने उग्रवादी बता परिजनों को उसके खिलाफ दूसरे के नाम से जारी इश्तेहार सौंप दिया है. उसके घर को कुर्क करने की धमकी भी दी है. मामले की सूचना मिलने के बाद झारखंड राज्य मानवाधिकार संगठन और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2017 7:00 AM
रांची : हजारीबाग जिले के गिद्दी थाना क्षेत्र स्थित कुरा गांव निवासी दिहाड़ी मजदूर दिलीप भोक्ता को पुलिस ने उग्रवादी बता परिजनों को उसके खिलाफ दूसरे के नाम से जारी इश्तेहार सौंप दिया है. उसके घर को कुर्क करने की धमकी भी दी है. मामले की सूचना मिलने के बाद झारखंड राज्य मानवाधिकार संगठन और चित्रा वेलफेयर सोसाइटी ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व डीजीपी के अलावा कुछ आलाधिकारियों को पत्र लिखा है. इसमें दिलीप भोक्ता को निर्दोष बताते हुए रामगढ़ जिले के पतरातू थाना प्रभारी और हजारीबाग के गिद्दी थाना क्षेत्र के कुरा गांव निवासी चौकीदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गयी है.
पत्र में कहा गया है कि दिलीप भोक्ता (पिता – बिंदु गंझू, मां-रुसनी देवी) दिहाड़ी मजदूरी है. लेकिन पुलिस ने पतरातू थाने में दर्ज कांड संख्या 122/16 (दिनांक : 27-4-16) के तहत उसके परिजनों को इश्तेहार सौंप दिया है. इश्तेहार में दीपक गंझू, मोहन गंझू और नंदू गंझू नामक उग्रवादियों के नाम दर्ज हैं. इसमें दिलीप भोक्ता का नाम भी नहीं है. बावजूद इसके उसके परिजन को जबरन इश्तेहार थमा दिया गया. पुलिस ने उसके घर को कुर्क करने की चेतावनी भी दी है. पतरातू थाना प्रभारी की ओर से 24 अगस्त को गिद्दी थाना प्रभारी को पत्र भेज इश्तेहार का तामिला कराने का अनुराेध किया गया है.

प्रमाण पत्र में भी दिलीप मजदूर : राज्य मानवाधिकार संगठन और चित्रा वेलफेयर सोसाइटी का कहना है कि एक आम व्यक्ति को पुलिस उग्रवादी बना रही है. जबकि स्थानीय मुखिया आदि की ओर से जारी प्रमाण पत्र से साफ है कि दिलीप भोक्ता दिहाड़ी मजदूर है. वह मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है. उसका उग्रवादी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है.

एक आम आदमी को उग्रवादी बनाया जाना अति गंभीर मामला है. इसलिए मामले में पतरातू के थाना प्रभारी और गिद्दी के चौकीदार पर कड़ी कार्रवाई की जाये. संस्था की ओर से मांग की गयी है कि सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित समय पर मामले में कार्रवाई की जाये. साथ ही यह भी सुनिश्चित की जाये कि दिलीप भोक्ता, उसके पिता बिंदू गंझू और मां रुसनी देवी को सुरक्षा मुहैया करायी जाये. इन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाये.

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