रांचीः झारखंड सरकार ने पश्चिम बंगाल की तर्ज पर कोल बियरिंग एरियाज (एक्विजीशन एंड डेवलपमेंट) अमेंडमेंट एंड वैलीडेशन एक्ट 1957 को राज्य में प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद ने इस संबंध में झारखंड में कार्य कर रही कोयला कंपनियों की ओर से अधिग्रहित की गयी जमीन की विवरणी मांगी है.
उन्होंने हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, देवघर, गोड्डा, रामगढ़ और चतरा जिले के उपायुक्तों से कहा है कि वे अधिग्रहित भूमि के लाभुकों को कोयला कंपनियों की ओर से दिये गये मुआवजे का ब्योरा उपलब्ध करायें. राज्य सरकार की ओर से संबंधित जिलों के अपर समाहर्ता (एसी) से भी पूर्व में रिपोर्ट मांगी गयी थी. पर रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने पर उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा है कि पूरे प्रकरण में अपर समाहर्ता, जिला भू अजर्न पदाधिकारी अपनी जांच कर विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध करायें. खनन क्षेत्रों में सभी राजस्व कर्मचारियों की ओर से रजिस्टर-2 (पंजी-2) की प्रविष्टियों (इंट्री) की जांच करने को कहा गया है.