रांची : गोड्डा के उप-विकास आयुक्त (डीडीसी) के घर जांच के लिए जाना नगर विकास व आवास मंत्री सीपी सिंह को भारी पड़ सकता है. झारखंड की आईएएस लॉबी ने इसे गलत परंपरा करार दिया है. राज्य के आईएएस अफसर इससे बेहद नाराज हैं. सूत्र बताते हैं कि आईएएस एसोसिएशन मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करायेगा.
आईएएस अधिकारियों का कहना है कि मंत्री और विधायक द्वारा डीडीसी के आवास का निरीक्षण करने जाना ठीक नहीं है. आइएएस अफसरों के व्हाट्सअप ग्रुपमें इस मामले पर काफी चर्चा हुई है. इसके बाद ही मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने का फैसला हुआ है. हालांकि, वरीय आइएएस अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
दरअसल, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने गोड्डा के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) वरुण रंजन के आवास पर बिना टेंडर काम होने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने गोड्डा के उपायुक्त को संबंधित कार्यपालक अभियंता पर एफआइआर कराने का आदेश दिया. श्री सिंह जिला योजना समिति की बैठक में शामिल होने गोड्डा गये थे.
बैठक के दौरान भवन निर्माण विभाग द्वारा योजनाओं की अल्पकालीन निविदा निकालने और फिर उसे स्थगित करने का मामला आया. उनको बताया गया कि छह नवंबर को दिन के एक बजे तक टेंडर पेपर खरीदने, सात नवंबर को तीन बजे तक डालने और उसी दिन 3:30 बजे खोलने का समय निर्धारित किया गया था. पर फाॅर्म लेने पहुंचे संवेदकों को निर्धारित जगहों पर अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिले.
संवेदकों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक अमित मंडल से की. विधायक के उपायुक्त से बात करने पर टेंडर स्थगित कर दिया गया. श्री सिंह को बताया गया कि ऑडिट टीम के आने की वजह से टेंडर स्थगित किया गया था.
डीडीसी के घर निरीक्षण को पहुंचे मंत्री, विधायक : स्थगित किये गये टेंडर में डीडीसी के आवास पर भी 14.31 लाख रुपये की मरम्मत का कार्य शामिल था. जिला योजना समिति की बैठक के बाद मंत्री सीपी सिंह और विधायक अमित मंडल डीडीसी वरुण रंजन के आवास पहुंचे. उन्होंने पाया कि वहां डेढ़ माह पूर्व ही कार्य पूरा कर लिया गया था. कार्य पूरा होने बाद टेंडर करने और स्थगित किया गया. श्री सिंह ने इसे सीधे-सीधे घपले का मामला बताया है.