मौलाना आजाद कॉलेज: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर अबू इमरान ने कहा, कौम को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत

रांची: उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान ने कहा कि कौम को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है़ नकारात्मक सोच समाप्त करना होगा. मौलाना अबुल कलाम आजाद यही चाहते थे़ वह मानते थे कि मुसलमान व हिंदुस्तानी होने में कोई अंतर नहीं है़ उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था की नींव रखी़. वह बचपन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2017 8:50 AM
रांची: उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान ने कहा कि कौम को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है़ नकारात्मक सोच समाप्त करना होगा. मौलाना अबुल कलाम आजाद यही चाहते थे़ वह मानते थे कि मुसलमान व हिंदुस्तानी होने में कोई अंतर नहीं है़ उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था की नींव रखी़.

वह बचपन से ही मेधावी थे और 10-12 साल की उम्र में ही अखबार निकालना शुरू कर दिया़ अबू इमरान मौलाना आजाद कॉलेज में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस के मौके पर आयोजित शिक्षा दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे़ उन्होंने कहा कि ऐसा पाठ्यक्रम लागू करने की जरूरत है, जिससे रोजगार पाने में सहूलियत हो़ मौलाना आजाद कॉलेज को कुड़ुख, नागपुरी व कुरमाली भाषाओं की पढ़ाई के लिए संबद्धता दी गयी है़ जल्द ही कुछ अन्य विषयों की संबद्धता भी मिलेगी़.

अंजुमन की मौजूदा कमेटी कर रही अच्छा काम : मौलाना आेबैदुल्लाह कासमी ने कहा कि यह सोचने की जरूरत है कि चार साल के दौरान मौलाना आजाद ने रांची को जो कुछ दिया, उसे सुरक्षित रखने व बढ़ाने में हम कितने कामयाब हुए हैं. मौलाना आजाद ने तालीमी मरकज मदरसा इस्लामिया और सामाजिक एदारा अंजुमन इस्लामिया की शुरुआत की़ अंजुमन इस्लामिया की मौजूदा कमेटी तालीम और सेहत के क्षेत्र में अच्छा काम करते हुए उनके सपनों को साकार कर रही है़ .
शिक्षा के बीज से ही समाप्त कर सकते नफरत की फसल : फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी के अध्यक्ष तनवीर अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद ने आइआइटी, यूजीसी, इसरो, सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदि की अवधारणा सामने रखी़ लेकिन वर्तमान सरकार को उनकी शिक्षा नीतियों का अब ध्यान नहीं है़ हमें अपने नायकों को याद रखने की जरूरत है़ मौलाना ने हमेशा हिंदू-मुसलिम एकता की वकालत की़ उनकी शिक्षा के बीज से ही नफरत की फसल को समाप्त कर सकते हैं. कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ एएन सिंह, पूर्व प्राचार्य डॉ केके सिंह, हाजी नवाब, परवेज अहमद, मालती शर्मा, अनीता सिन्हा, जावेद बरकी, मो नईम, शाहीन सबा, फिरदौस वली, फिरदौस जबी व अन्य मौजूद थे़.
विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत : इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया़ निबंध में वाजदा तरन्नुम को प्रथम, मो शहबाज को द्वितीय, नरगिस फातिमा को तृतीय, भाषण में मरियम फातिमा को प्रथम, नाजिया परवीन को द्वितीय, निशि तिग्गा को तृतीय और क्विज में शाहिद रजा को प्रथम, सदफ हाशमी को द्वितीय व ज्योति कुमारी को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया़.
मजहब की सही व्याख्या के साथ चलेंगे, तभी भला
अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष इबरार अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद ने दीनी व दुनियावी शिक्षा के लिए मदरसा की स्थापना की़ धर्म का सियासी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए़ मजहब की सही व्याख्या के साथ चलेंगे, तभी सबका भला होगा़ महासचिव मुख्तार अहमद ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस कॉलेज काे मिसाल कायम करना है़ कॉलेज का भव्य भवन जल्द ही तैयार हो जायेगा़

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