275 कोयलाकर्मियों के खिलाफ सीवीसी की जांच
रांची : सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) ने पिछले साल दिसंबर तक 275 कर्मियों के खिलाफ जांच की थी. कई माध्यमों से कोल इंडिया सहित उसकी अनुषंगी कंपनियों में सीवीसी को शिकायत मिली थी. जांच के दौरान एक कर्मी का पेंशन काटा गया है. कुल 16 कर्मियों को बर्खास्त या जबरन सेवानिवृत्त किया गया. 153 कर्मियों […]
रांची : सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) ने पिछले साल दिसंबर तक 275 कर्मियों के खिलाफ जांच की थी. कई माध्यमों से कोल इंडिया सहित उसकी अनुषंगी कंपनियों में सीवीसी को शिकायत मिली थी. जांच के दौरान एक कर्मी का पेंशन काटा गया है. कुल 16 कर्मियों को बर्खास्त या जबरन सेवानिवृत्त किया गया. 153 कर्मियों को लोअर स्केल में कर दिया गया. 29 कर्मियों को कड़े तथा 11 को मामूली दंड दिया गया. 30 कर्मियों को चेतावनी दी गयी. 35 कर्मियों की शिकायत में कुछ नहीं पाया गया.
सबसे अधिक शिकायत एसइसीएल से
सीवीसी के पास सबसे अधिक शिकायत साउथ इस्टर्न कोल लिमिटेड (एसइसीएल) से आयी थी. यहां 65 कर्मियों को मेजर व 13 को माइनर पेनाल्टी दी गयी थी. तीन पर प्रशासनिक कार्रवाई की गयी. वहीं डब्ल्यूसीएल से कुल 44 कर्मियों को मेजर तथा दो को माइनर पेनाल्टी दी गयी थी. एक कर्मी पर प्रशासनिक कार्रवाई की गयी. सीसीएल में कुल 12 कर्मियों को मेजर व नौ को माइनर पेनाल्टी दी गयी थी. कोल इंडिया में भी नौ को मेजर तथा सात को माइनर पेनाल्टी दी गयी. तीन पर प्रशासनिक कार्रवाई की गयी. इसीएल में सबसे अधिक सात पर प्रशासनिक कार्रवाई की गयी तथा दो को मेजर पेनाल्टी दी गयी थी. सीएमपीडीआइ में केवल तीन कर्मी को माइनर पेनाल्टी दी गयी.
64 अधिकारियों के खिलाफ मिली थी शिकायत
सीवीसी को कोल इंडिया के करीब 64 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी. इसमें 36 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. 28 मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं. कुल 18 मामले छह माह से ज्यादा समय से लंबित हैं. वहीं कर्मचारियों के खिलाफ कुल 128 शिकायतें मिली थीं. इसमें 70 मामलों का निष्पादन कर दिया गया. 58 मामले लंबित हैं तथा 43 मामले छह माह से अधिक समय से लंबित हैं.
संगठनों से मिली 34 शिकायत
सीवीसी को व्हिसल ब्लोवर ( विभिन्न संगठनों) के माध्यम से कुल 34 शिकायतें मिली थीं. इसमें 31 का निष्पादन कर दिया गया है. तीन मामले अभी भी पेंडिंग हैं. एक मामला छह माह से अधिक समय से पेंडिंग है.