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शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को विधि विभाग की मंजूरी

रांची: प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को विधि विभाग ने स्वीकृति दे दी है. विधि विभाग की स्वीकृति के बाद स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेज दिया है. प्राथमिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. […]

रांची: प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को विधि विभाग ने स्वीकृति दे दी है. विधि विभाग की स्वीकृति के बाद स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेज दिया है. प्राथमिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी. कार्मिक विभाग की स्वीकृति के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट भेजा जायेगा. शैक्षणिक सत्र 2018-19 के शुरू होने के पूर्व नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी चल रही है.

जिससे कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके. नियुक्ति नियमावली में वर्ष 2012 के प्रावधान में बदलाव किया गया है. बदलाव के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति नहीं होगी. वर्ष 2012 की नियमावली में शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति का प्रावधान किया गया था. इसके बाद वर्ष 2013 से 16 तक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थी की सीधी नियुक्ति हुई. इसमें गड़बड़ी हुई.

कई जिलों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक नियुक्त हो गये. जिला शिक्षा अधीक्षक ने भी मेरिट लिस्ट बनाने में गड़बड़ी की. आरक्षण के प्रावधान का ठीक से पालन नहीं हुआ. पारा व गैरा पारा कोटि में नियुक्ति में गड़बड़ी हुई. राज्य में अब तक लगभग 600 नव नियुक्ति शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है. इसके बाद बदलाव का निर्णय लिया गया.

10 हजार शिक्षकों के पद का सृजन : राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में पद सृजन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. राज्य के 3583 विद्यालय में 10749 शिक्षकों के पद का सृजन किया जायेगा. प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव प्रशासी पद वर्ग समिति को भेज दिया है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुरूप सभी मध्य विद्यालय में कला, विज्ञान व भाषा के एक-एक विषय विशेषज्ञ शिक्षक का होना अनिवार्य है. झारखंड में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है. इसके बाद भी मध्य विद्यालयों में अब तक विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है.
नियुक्ति के बाद फिर होगी टेट : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रति वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रावधान किया गया है. झारखंड में वर्ष 2013 व 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई है. वर्ष 2013 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में लगभग 66 हजार परीक्षार्थी सफल हुए थे, जिनमें से 16 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है. 50 हजार अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा वर्ष 2016 की टेट में 52 हजार अभ्यर्थी सफल हुए हैं. दूसरी टेट में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद तीसरी टेट की प्रक्रिया शुरू होगी.

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