झारखंड के सीएम रघुवर दास से खास बातचीत: बोले – 11 लाख परिवारों के लिए योजना जल्द
झारखंड अपना 18 वां स्थापना दिवस मना रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. रघुवर दास झारखंड में सबसे लंबी चलनेवाली सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सरकार आधारभूत संरचना से लेकर बुनियादी जरूरतों और नीतियों को लेकर संवेदनशील है. मुख्यमंत्री झारखंड को विकास के मानक […]
झारखंड अपना 18 वां स्थापना दिवस मना रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. रघुवर दास झारखंड में सबसे लंबी चलनेवाली सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सरकार आधारभूत संरचना से लेकर बुनियादी जरूरतों और नीतियों को लेकर संवेदनशील है. मुख्यमंत्री झारखंड को विकास के मानक में राष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने की बात करते हैं. प्रभात खबर के वरीय संवाददाता सतीश कुमार ने झारखंड के स्थापना दिवस पर सरकार के कामकाज से लेकर विकास के विजन पर मुख्यमंत्री से बातचीत की. बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार 57 लाख परिवार का स्वास्थ्य बीमा करा रही है. बचे हुए 11 लाख परिवार के लिए भी सरकार जल्द ही कोई योजना लायेगी. पेश हैं बातचीत के महत्वपूर्ण अंश-
17 साल का झारखंड अब युवा है. इसके सुनहरे भविष्य के लिए आप विकास की कैसी कल्पना करते हैं?
जवाब : झारखंड की 17 वीं वर्षगांठ पर मैं समस्त झारखंडवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. झारखंड अब युवावस्था में पहुंच गया है. जिस तरह 17-18 साल के युवा में जोश, उमंग और उत्साह होता है, झारखंड भी उसी दौर से गुजर रहा है. झारखंड के विकास के लिए किसी एक सेक्टर पर ध्यान देने के बजाय सभी क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है. मेरी सरकार उद्योग, कृषि, पर्यटन, ग्रामोद्योग, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित दूसरे जरूरी क्षेत्रों में भी तेजी से काम कर रही है. कोई कारण नहीं है कि झारखंड विकास में पिछड़े. बस मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है. मेरी सरकार महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताये रास्ते पर चलते हुए समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर काम कर रही है. उन तक विकास पहुंचाने का काम कर रही.
आपकी नजर में आज झारखंड कहां खड़ा है?अगले पांच साल में यह कहां होगा? इसको लेकर क्या रणनीति है?
जवाब : आज झारखंड तेजी से विकास करनेवाले राज्यों में शामिल है. अब कोई चले या न चले, झारखंड विकास के रास्ते पर चल पड़ा है. अगले पांच साल के लिए मेरी सरकार ने मिशन और विजन तय कर लिया है. हम लक्ष्य तय कर उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई बेघर न रहे. कोई बिना दवा या शिक्षा के नहीं रहे. पलायन-कुपोषण से मुक्ति मिले. हर नौजवान को हम रोजगार या स्वरोजगार उपलब्ध करा सकें. सवा तीन करोड़ जनता को मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि मुहैया हो सके.
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना होती रहती है. क्या कहेंगे?
जवाब : मैं मानता हूं कि कुछ कमियां हैं. 14 साल से स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना काम होना चाहिए था, नहीं हुआ. इसकी वजह चाहे जो हो. मेरी सरकार ने राज्य के सभी परिवार राज्य में 68 लाख परिवार में से 57 लाख परिवार का बीमा हो रहा है. परिवार को दो लाख रुपये तक का हेल्थ कार्ड मिलेगा. राज्य के स्थापना दिवस 15 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसकी शुरुआत करेंगे. 28 दिसंबर तक यह लागू हो जायेगा. बाकी बचे 11 लाख परिवार के लिए सरकार जल्द ही कोई योजना लेकर आयेगी. मुझे इस बात की शिकायत मिली थी कि कई जगह मरीजों की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिल पायी. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार पूरे राज्य में 329 एंबुलेंस तैनात करेगी. जिस किसी को भी इसकी आवश्यता होगी, वह 108 नंबर पर डॉयल कर सुविधा प्राप्त कर सकता है. एंबुलेंस में मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मोमेंटम झारखंड, झारखंड माइनिंग शो का आयोजन हुआ. पहले भी निवेश के लिए एमओयू हुए थे, जो सीएजी के अनुसार असफल रहे. पहले और अब के निवेश के परिवेश में क्या बदलाव आया है? जिससे सरकार की कोशिश सफल हो.
जवाब : मेरी सरकार से पूर्व निवेश को लेकर जो एमओयू हुए, उस पर मेरी टिप्पणी उचित नहीं होगी. मैं अपनी सरकार में हुए एमओयू के बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हूं. मेरी सरकार ने मोमेंटम झारखंड और माइनिंग शो का आयोजन किया. मेरा मानना है कि कोई भी निवेशक तभी आयेगा, जब निवेश के लिए प्रदेश में अच्छा वातावरण हो. नीतियां अच्छी और पारदर्शी होनी चाहिए. मेरी सरकार की नीति भी अच्छी है और नीयत भी. तभी बड़ी संख्या में निवेशक झारखंड आने को तैयार हुए. मुझे इस बात का संतोष है कि मोमेंटम झारखंड में 210 एमओयू हुए, जिनमें 95 पर काम शुरू हो गया है. जल्द ही और 100 एमओयू पर काम शुरू हो जायेगा. इसकी भी तैयारी कर ली गयी है. यह तभी संभव हुआ, जब मुझे मेरे मंत्रिमंडल के साथियों और अधिकारियों का साथ मिला. टीम झारखंड के तौर पर हम सब काम कर रहे हैं.
आपने हाल ही में जापान व चेक गणराज्य का दौरा किया. यह राज्य के लिए कितना फायदेमंद होगा? इस दौरे का कोई खास अनुभव, जिसे आप इस राज्य में लागू करना चाहेंगे?
जवाब : जापान और चेक गणराज्य जाने का सिर्फ एक उद्देश्य था कि झारखंड में ज्यादा से ज्यादा निवेश आये. मैं बताने गया था कि आप झारखंड में निवेश करें. यह राज्य निवेश के लिए बेहतर और सुरक्षित है. जापान और चेक गणराज्य मोमेंटम झारखंड में पार्टनर देश भी थे. उस समय दोनों देश के राजदूत पूरी टीम के साथ रांची आये थे. ऐसे भी निवेश को लेकर दोनों देशों से झारखंड के काफी पुराने रिश्ते हैं. 1930 में झारखंड से आयरन ओर का निर्यात जापान होता था. 1960 के आसपास चेक गणराज्य के सहयोग से एचइसी जैसी बड़ी कंपनी स्थापित की गयी थी. रेलवे और रक्षा क्षेत्र में भी चेक के सहयोग से काफी काम हुए हैं.
राज्य के ग्रामीण इलाकों में हजारों ट्रांसफाॅर्मर बदले गये. उनकी क्षमता बढ़ा दी गयी है. जरूरत के अनुसार राज्य को बिजली भी मिल रही है? फिर भी लोगों की शिकायत है कि बिजली नहीं मिलती. क्या कारण है?
जवाब : मेरी सरकार बनने के बाद से बिजली के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है. पहले एक ट्रांसफाॅर्मर बदलने में सप्ताह या महीने लग जाते थे. अब 24 घंटे के अंदर ट्रांसफाॅर्मर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. यह बात सही है कि 14 साल में बिजली के क्षेत्र में आधारभूत संरचना पर जितना काम होना चाहिए था नहीं हुआ. ट्रांसमिशन लाइन की कमी बड़ी समस्या थी. मेरी सरकार में पीपीपी मोड के जरिये निवेश करा कर 60 ग्रिड और 257 सब स्टेशन के निर्माण का काम शुरू हो गया है. शहरों में अंडरग्राउंड तार बिछाने का काम चालू है. 2018 तक आपको बिजली के क्षेत्र में बड़ा बदलाव दिखेगा.
क्या आप मानते हैं कि रोजमर्रा के काम में अब भी भ्रष्टाचार है? प्रखंड कार्यालयों व जिला मुख्यालयों को आप और कैसे जिम्मेवार बनायेंगे?
जवाब : मुझे खुशी है कि आम लोगों से लेकर मीडिया तक भी मानता है कि पिछले तीन सालों में ऊपर के स्तर पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है. मेरी सरकार बेदाग है. मैं कभी भी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं कर सकता. अगर कोई एेसा करने का प्रयास करता है, तो मैं जनता को भरोसा दिलाता हूं कि वह बचेगा नहीं. चाहे वह किसी भी स्तर का व्यक्ति हो. मैं मानता हूं कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार है. इस पर जन सहयोग से ही काबू पाया जा सकता है. यही वजह है कि चीजें ऑनलाइन की जा रही हैं.
सरकार ने स्थानीय नीति लागू कर दी है. अगले दो साल में सरकार कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दे पायेगी?
जवाब : मेरी सरकार ने लगभग एक लाख नियुक्तियां की हैं. इसमें 95-96 प्रतिशत नियुक्तियां स्थानीय लोगों की हुई है.
दो साल बाद चुनाव होने हैं. राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. जनता की अपेक्षाएं पर आप सरकार को कहां खड़ा पाते हैं?
जवाब : सरकार के स्तर पर हमारा सारा फोकस जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की है. हम प्रयास कर रहे हैं कि जिन उद्देश्यों को लेकर झारखंड का निर्माण हुआ, उसे हमारी सरकार पूरा करे. जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है, तो वह हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है. हमारे कार्यकर्ता हर समय जनता के ही बीच रहते हैं.
सरकार की नीतियों पर विपक्ष लगातार सवाल खड़ा कर रहा है. आपकी नजर में विपक्षी की कैसी भूमिका होनी चाहिए?
जवाब : झारखंड में विपक्ष के पास न तो सिद्धांत है न मुद्दा. खोखला प्रदर्शन और प्रेस पब्लिसिटी के जरिये वे राजनीति कर रहे हैं. यह तो विपक्ष को ही तय करना है कि वह किस भूमिका में रहना चाहता है या विपक्ष की भूमिका कैसी होनी चाहिए. मैं अपनी सरकार और पार्टी के बारे में बता सकता हूं. मेरी पार्टी हर समय जनता के बीच रहनेवाली पार्टी है. चाहे वह सत्ता में रहे या नहीं. अगर विपक्ष को जनता भाव नहीं दे रही है, तो मैं क्या कर सकता हूं. विपक्षी दलों ने 14 सालों तक इस राज्य को प्रयोगशाला बना कर रखा. राज्य को बदनाम करने का काम किया. झारखंड की जनता सत्तालोलुप विपक्ष को झारखंड में एकता के नाम पर अब कोई नया प्रयोग नहीं करने देगी. नकारात्मक बातों से मीडिया में प्रसिद्धि मिल सकती है, लेकिन जनता के बीच सिद्धि नहीं मिल सकती है.
मौजूदा सरकार आदिवासियों के हित पर क्या सोचती है? लोगों की शिकायत है कि जनजातीय हित की कई बार अनदेखी हो रही है.
जवाब : जनजातीय समाज की अनदेखी करनेवाले और उसे वोट बैंक समझनेवालों को जनता ने बाहर कर दिया है. हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र पर काम करती है. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है. आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों के लिए सरकार ही सहारा है. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो-कान्हू, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जैसे देश भक्तों के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय को लेकर आगे बढ़ रही है. हमारी जनता की विशेषता है कि वह खुद की भलाई के तराजू पर किसी सरकार को नहीं तौलती.
आखिर में अगर आप आम आदमी होते, तो आप मुख्यमंत्री से क्या मांगते?
जवाब : मैं आज भी खास नहीं आम आदमी ही हूं. मैं अपनी गरीबी और मजदूरी के दिन कभी नहीं भूलता. मैं कितनी भी ऊंचाई तय कर लूं, लेकिन जनता से दूर नहीं हो सकता. आज मैं जो कुछ भी हूं जनता की बदौलत ही हूं. मैं आज भी राज्य और जनता की भलाई के लिए दिन रात मेहनत करता हूं.