शहर से पॉलिथीन गायब बढ़ गयी थैलों की बिक्री

रांची: राज्य सरकार द्वारा पॉलिथीन पर बैन लगाने का असर राजधानी में दिखने लगा है. गुरुवार को शहर के बाजारों से पॉलिथीन नदारद था. छोटे दुकानदार लोगों से गुजारिश करते दिखे कि हम सामान तो दे देंगे, लेकिन पॉलिथीन हमारे पास नहीं है. आपको थैला खरीद कर लाना पड़ेगा. सब्जी मंडी से लेकर राशन दुकानों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2017 8:18 AM
रांची: राज्य सरकार द्वारा पॉलिथीन पर बैन लगाने का असर राजधानी में दिखने लगा है. गुरुवार को शहर के बाजारों से पॉलिथीन नदारद था. छोटे दुकानदार लोगों से गुजारिश करते दिखे कि हम सामान तो दे देंगे, लेकिन पॉलिथीन हमारे पास नहीं है. आपको थैला खरीद कर लाना पड़ेगा.

सब्जी मंडी से लेकर राशन दुकानों तक में दिखा:हरमू बाजार स्थित मुर्गा और सब्जी दुकानों में दुकानदारों ने पॉलिथीन मुक्त हरमू बाजार का पोस्टर लगा रखा था. यहां आनेवाले ग्राहकों को दुकानदार दो से पांच रुपये लेकर कपड़े से बने छोटे-छोटे थैले दे रहे थे. यहां दुकानदार लोगों से भी अपील कर रहे थे कि सरकार ने हम सब की भलाई के लिए पॉलिथीन पर बैन लगाया है. इसलिए हमारा भी दायित्व है कि हम इसका पालन करें. कुछ-कुछ यही नजारा लालपुर सब्जी मंडी का भी था. यहां भी दुकानदार ग्राहकों को सब्जी पॉलिथीन पर नहीं दे रहे थे.
सब्जी दुकानों में मिलने लगा झोला भी : आमतौर पर कपड़े का थैला जेनरल स्टोर में ही बिकता था. पॉलिथीन बैन के बाद अब इनकी बिक्री सब्जी दुकानों में भी होने लगी है. कोई भी ग्राहक जैसे ही कुछ खरीदारी करने आता है, उसे बता दिया जाता है कि आपको झोला अलग से खरीदना पड़ेगा.
रंगरेज गली के दुकानदारों ने पॉलिथीन का स्टॉक हटाया : पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगने के बाद सरकार के कार्रवाई के डर से बुधवार को शहर के अपर बाजार के रंगरेज गली, जेजे रोड और नॉर्थ मार्केट रोड में स्थित कुछ स्टॉकिस्टों ने अपने यहां जमा स्टॉक वाहन से लोड कर हटा दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पॉलिथीन के इन स्टॉकों को शहरी क्षेत्र से बाहर भेज दिया गया है.
सरकार के इस निर्णय की हम सराहना करते हैं. दुकानों में पॉलिथीन नहीं मिलने से थोड़ी बहुत परेशानी तो हुई, लेकिन यह एक अच्छा कदम है. आगे से अब झोला लेकर ही बाजार निकलेंगे.
आशीष नायक
पॉलिथीन बैन के इस कदम का हम स्वागत करते हैं. अब नगर निगम से हम यह उम्मीद करते हैं कि वहां के अधिकारी केवल छोटे दुकानों में नहीं, बल्कि बड़े-बड़े शॉपिंग मॉलों में इसकी जांच करें.
मुंशी महतो

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