झारखंड : दो साल 10 माह में सिर्फ 17 गवाही

रांची : बागी विधायकों से संबंधित मामले में पिछले दो साल 10 माह में सिर्फ 17 गवाहों की गवाही होने पर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने चिंता जतायी. स्पीकर ने कहा कि 24 नवंबर तक गवाहों की सूची में शामिल शेष 61 गवाह शपथ पत्र दायर करें. अगर इनकी ओर से शपथ पत्र दायर नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 8:17 AM
रांची : बागी विधायकों से संबंधित मामले में पिछले दो साल 10 माह में सिर्फ 17 गवाहों की गवाही होने पर विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने चिंता जतायी. स्पीकर ने कहा कि 24 नवंबर तक गवाहों की सूची में शामिल शेष 61 गवाह शपथ पत्र दायर करें. अगर इनकी ओर से शपथ पत्र दायर नहीं होता है, तो माना जायेगा की इन्हें गवाही से मतलब नहीं है.
13 अक्तूबर को भी सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण ने इस विषय पर अपनी चिंता जतायी थी. दल बदल मामले में बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को स्पीकर दिनेश उरांव ने यह आदेश दिया. याचिका में झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले छह विधायक की सदस्यता रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है. इसमें मंत्री रणधीर सिंह, मंत्री अमर बाउरी, विधायक नवीन जायसवाल, विधायक आलोक चौरसिया, विधायक जानकी यादव व विधायक गणेश गंझू शामिल हैं.
रणधीर और नवीन की ओर से तीन लोगों की गवाही
दल बदल मामले की सुनवाई के दौरान मंत्री रणधीर सिंह की ओर से दो गवाह शफीक अंसारी व मुबारक अंसारी व विधायक नवीन जायसवाल की ओर से एक गवाह चंद्र भानु की गवाही दर्ज की गयी. बाबूलाल की ओर से अधिवक्ता आरएन सहाय ने गवाहों क्रॉस एग्जामिनेशन किया.
तीन गवाह ने एक बात दोहराते हुए कहा कि आठ फरवरी 2015 को दलादली में झाविमो केंद्रीय समिति की बैठक हुई थी. इसमें झाविमो का भाजपा में विलय करने का निर्णय लिया गया. जब गवाहों से पूछा गया कि क्या वर्तमान में झाविमो पार्टी है? इसके अध्यक्ष कौन है? इस पर गवाहों ने कहा उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
याचिकाकर्ता बाबूलाल की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता आरएन सहाय ने कहा कि इस मामले में दो साल 10 माह गुजर चुके हैं. अब तक सिर्फ 17 लोगों की गवाही हो पायी है. आरोपी विधायक भी नहीं आ रहे हैं. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि कम से कम तीन साल के अंदर गवाही की प्रक्रिया पूरी हो जाये.

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