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झारखंड कांग्रेस के नये अध्यक्ष डॉ अजय कुमार से प्रभात खबर की विशेष बातचीत पढ़ें

बोले नये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष:पार्टी को पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर खड़ा करना है उद्देश्य सच्चे व बिना गॉडफादरवालों को बढ़ायेंगे रांची : प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ अजय कुमार चिकित्सक से आइपीएस, आइपीएस से कॉरपोरेट सेक्टर के अधिकारी और अब राजनीतिज्ञ. जमशेदपुर से सांसद रहे डॉ कुमार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की […]

बोले नये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष:पार्टी को पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर खड़ा करना है उद्देश्य
सच्चे व बिना गॉडफादरवालों को बढ़ायेंगे
रांची : प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ अजय कुमार चिकित्सक से आइपीएस, आइपीएस से कॉरपोरेट सेक्टर के अधिकारी और अब राजनीतिज्ञ. जमशेदपुर से सांसद रहे डॉ कुमार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है. उनका मानना है कि संगठन को मजबूत करने से ही पार्टी का परिणाम दिखेगा. लक्ष्य, विधानसभा सीटों की गिनती नहीं है. उद्देश्य, पार्टी को पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर खड़ा करना है.
इसके लिए सबको मिल कर काम करना है. युवाओं के जोश और बुजुर्गों के अनुभव से पार्टी को सींचना है. अध्यक्ष बनने पर प्रभात खबर के लिए आनंद मोहन ने डॉ कुमार से बात की. प्रस्तुत है बातचीत के अंश :
Q. आज कांग्रेस के लिए कठिन दौर है. भाजपा बड़ी चुनौती है. ऐसे समय में अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है. चुनौतियों से कैसे निपटेंगे ?
समय बदला है. जनता समझ रही है. जनता त्रस्त है. जनता को मजबूत नेतृत्व चाहिए. ईमानदार राजनीति चाहिए. आज पीड़ित जनता के पक्ष में जो खड़ा होगा. उसके साथ वह रहेगी. आज किसान का कर्ज माफ नहीं हो रहा है. पूंजीपति फल-फूल रहे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी कल्याणकारी योजनाओं में कटौती हो रही है. गरीब राशन कार्ड के लिए डंडा खा रहा है. किसानों का धान खरीदने वाला कोई नहीं है.
होल्डिंग टैक्स 10 फीसदी बढ़ा दिया गया है. भाजपा केवल भावनाओं से छेड़छाड़ करती है. जनता की समस्या के साथ खड़ा होने की जरूरत है. हम जनता के सामने समस्याओं का समाधान लेकर जायेंगे. राहुल गांधी के नेतृत्व में लोगों का विश्वास बढ़ा है. कांग्रेस में नये चेहरे सामने आ रहे हैं. चुनौती भाजपा नहीं, जनता का विश्वास जीतना है.
Q. झारखंड में राज्य गठन के बाद कांग्रेस सत्ता या विपक्ष में बड़ी ताकत नहीं बन पायी. विधानसभा में 10 सीटें भी नहीं जीत पाती है. इस मोर्चे पर कैसे काम करेंगे ?
मेरी पहली प्राथमिकता है पंचायत से लेकर जिला तक संगठन को मजबूत करना. नौजवान संगठन से जुड़ें. पुराने कांग्रेसियों का आत्मबल मिले. उनकी विचारधारा से नौजवानों को जोड़ें. संघर्ष और मेहनत से ही चुनाव रंग लायेगा. कभी-कभी हवा गैर कांग्रेस की होती है. इससे डरना नहीं है. अपने वैचारिक जड़ के साथ मजबूती से खड़ा रहना है.
Q. झारखंड में संगठन पस्त है. कांग्रेस का जनाधार भी घटा है. दिग्गज चुनाव हार जाते हैं?
कार्यकर्ता संगठन की रीढ़ होते हैं. मैं रहूं या कोई दूसरा नेता चुनाव संगठन जीतता और हारता है. कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाना होगा. ईमानदार तरीके से कार्यकर्ताओं का चयन होना चाहिए. कांग्रेस को पुरानी परंपरा में लौटाने के लिए केवल रिवीजन की जरूरत है. कार्यकर्ताओं को याद करना होगा और वैचारिक रूप से मजबूत कार्यकर्ता विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे.
Q. झारखंड में संगठन को खड़ा करने के लिए क्या प्राथमिकता होगी ?
अच्छे और सच्चे लोगों को आगे बढ़ायेंगे. सक्षम और अच्छे लोगों का मापदंड हो तो संगठन खुद ब खुद खड़ा होगा. हर कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देने की कोशिश करूंगा. संगठन में राजनीतिक वैचारिक लोगों से इमोशनल कनेक्शन बढ़ाने की कोशिश करूंगा. कार्यकर्ताओं को तथ्यों से लैस किया जायेगा. ताकि वह जनता को संतुष्ट कर सकें.
Q. पार्टी में गुटबाजी कैसे खत्म होगी?
पार्टी में गुटबाजी नहीं होती है. मतभिन्नता हो सकती है. बातचीत संगठन में सबसे अहम रास्ता है. संवादहीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए. मैं हमेशा गले मिल कर काम करने की कोशिश करता हूं. बड़े लोगों का पैर छूकर आशीर्वाद लेता हूं. सब मिल कर काम करेंगे. काम करने के तरीके से सब कुछ सही हो जाता है. आप खुद ईमानदार प्रयास करेंगे, तो हर कोई साथ देगा.
Q. कांग्रेस की स्थिति चुनावी राजनीति में बेहतर नहीं रही है. आनेवाले समय में गठबंधन की भी चर्चा हो रही है. इसको लेकर क्या विचार है?
पहले संगठन को मजबूत करना है. गठबंधन चुनावी रणनीति होती है. मैं पहले संगठन में फोकस करूंगा. प्रभारी का भी यही निर्देश है. संगठन को बचाना है. मेरी कोशिश होगी कि कांग्रेस को केंद्र में रखकर आनेवाले समय में किसी तरह का कोई गठबंधन तैयार हो. हम अपने आप को पहले मजबूत करेंगे.
Q. प्रदेश कांग्रेस की कमेटी क्या होगी? यहां लॉबी, पैरवी सब है?
हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से लेकर आरपीएन सिंह और सारे सह प्रभारी यह मानते हैं कि संगठन में ईमानदार और काम करने वाले लोग हों. मेरी भी कोशिश हो कि सक्षम लोग संगठन में आयें. पूरी गारंटी तो नहीं, लेकिन 90 फीसदी ऐसे लोग हों, जो जमीनी कार्यकर्ता हों.
जिनका कोई गॉडफादर, पैरवी नहीं हो. सक्षम और सच्चे लोगों को सम्मान मिलेगा, तो संगठन भी खड़ा होगा. मैं ऐसे कार्यकर्ताओं के विश्वास के साथ खरा उतरूंगा.
Q. एक ओर प्रदीप बलमुचू, सुबोधकांत हैं. ऐसे में एक आइपीएस राजनीतिज्ञ. क्या सोचते हैं?
आइपीएस की नौकरी राजनीति में पाने के लिए नहीं, सेवा के लिए आया हूं. मुझे कुछ खोने का डर नहीं है. साथी की तरह काम करेंगे. मिल कर काम करेंगे.
प्रभारी के साथ राहुल से मिले डॉ अजय
रांची : कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने शुक्रवार को प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. श्री गांधी ने कहा कि जिस तरह से पुलिस की नौकरी से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता की भूमिका सच्चाई के साथ निभाई है, उसी तरह झारखंड में सेवा करें. जनता को संघर्ष के लिए तैयार करें. संगठन को मजबूत करने में भूमिका निभायें. सच्चाई के साथ संघर्ष होगा, तब ही जीत सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने डॉ कुमार से हल्के-फुल्के अंदाज में मंदिर में माथा टेक कर काम पर लगने का निर्देश दिया. कहा कि सफलता जरूर मिलेगी.
सुखदेव से बोले राहुल न हो फैसले का विरोध
रांची : झारखंड में कांग्रेस ने डॉ अजय कुमार को नये प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने के बाद पार्टी में किसी तरह की संभावित कलह को दूर करने की कोशिश भी शुरू कर दी है.
इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखदेव भगत को दिल्ली बुलाकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बातचीत की. दोनों नेताओं के बीच लगभग 30 मिनट तक चर्चा हुई. सूत्रों का कहना है कि राहुल ने भगत को स्पष्ट कहा कि डॉ अजय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के फैसले के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए और सभी को मिल कर संगठन को मजबूत करने का काम करना है. पार्टी में गुटबाजी और अनुशासहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सभी नेता नयी टीम के साथ काम करें. झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए अजय कुमार की नियुक्ति की गयी है और उन्हें सभी नेताओं को सहयोग करना होगा.
सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी बिहार कांग्रेस में हुई बगावत से सबक लेते हुए झारखंड में ऐसी किसीस्थिति का सामना नहीं करना चाहती है. कई पार्टी नेता अजय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने से नाराज बताये जा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं की नाराजगी को दूर करने और पार्टी में किसी प्रकार की बगावत या बयानवाजी को रोकने के लिए राहुल गांधी ने सुखदेव भगत से मुलाकात की है.
राज्य गठन के बाद बने कांग्रेस अध्यक्ष
अध्यक्ष कार्यकाल
थॉमस हांसदा 12 दिंसबर 1999 से सात दिसंबर 2000
इंद्रनाथ भगत आठ दिसंबर 2000 से 28 दिसंबर 2001
प्रदीप कुमार बलमुचु (प्रभारी अध्यक्ष) 29 दिसंबर 2001 से आठ जून 2003
थॉमस हांसदा नौ जून 2003 से 21 नवंबर 2004
सुशीला केरकेट्टा 22 नवंबर 2004 से 12 जुलाई 2005
प्रदीप कुमार बलमुचु 13 जुलाई 2005 से 10 नवंबर 2011
प्रदीप बलमुचु 11 नवंबर 2011 से 12 मई 2013
सुखदेव भगत 13 मई 2016 से 15 नवंबर 2017
डॉ अजय कुमार 16 नवंबर 2017 से….

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