यातायात निदेशालय बनेगा, मुख्यालय होगा रांची

बेहतर यातायात के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को भेजा प्रस्ताव एएसआइ, आरक्षी और लिपिक तीन वर्षों के लिए प्रतिनियुक्त होंगे रांची : प्रदेश की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यातायात निदेशालय बनाया जायेगा. इसके निदेशक आइजी रैंक के अधिकारी होंगे. इनका मुख्यालय रांची में होगा. इसके लेकर पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 8:56 AM
बेहतर यातायात के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
एएसआइ, आरक्षी और लिपिक तीन वर्षों के लिए प्रतिनियुक्त होंगे
रांची : प्रदेश की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यातायात निदेशालय बनाया जायेगा. इसके निदेशक आइजी रैंक के अधिकारी होंगे. इनका मुख्यालय रांची में होगा. इसके लेकर पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा है. इसके बन जाने से यातायात संबंधी मामलों की जवाबदेही इस निदेशालय की होगी. ट्रैफिक ट्रेनिंग स्कूल, जमशेदपुर पर निदेशालय का अधिकार होगा.
यातायात निदेशालय बनने पर 42,64,46,930 रुपये खर्च आयेगा. प्रस्ताव के तहत एएसआइ से लेकर आरक्षी और लिपिकों के पदों पर जिला बल से तीन वर्षों के लिए प्रतिनियुक्ति की जायेगी. जबकि डीएसपी से लेकर आइजी रैंक के अफसरों का पदस्थापन सरकार के स्तर पर होगा.
निदेशक आइजी रैंक के अधिकारी होंेगे, गठन पर 42,64,46,930 रुपये आयेगा खर्च
निदेशालय के जिम्मे क्या-क्या होगा
यातायात व्यवस्था का कुशल प्रबंधन और नियंत्रण
राष्ट्रीय उच्च पथों पर पेट्रोलिंग का निर्धारण, नियंत्रण और पर्यवेक्षण
यातायात सुरक्षा संबंधी नये उपायों को हर जिले में लागू कराना
यातायात संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराना
जन जागरूकता कार्यक्रम का अायोजन और संचालन
यातायात कर्मियों को हर तरह का प्रशिक्षण उपलब्ध कराना
ट्रैफिक नियमों का बेहतर अनुपालन हो, इसके लिए स्कूलों और काॅलेजों सहित अन्य स्थानों पर छात्र-छात्राओं को जागरूक करना और उनसे संवाद बनाना
यातायात संबंधी मामलों का डाटाबेस तैयार करना
निदेशालय और ट्रैफिक रेगुलेशन पोस्टों के लिए आवश्यक सामग्रियों और कर्मियों को प्रतिनियुक्त करना
यातायात संबंधी उपकरणों की खरीद
यातायात से जुड़े सभी शिकायतों की जांच कर उस पर कार्रवाई करना
जिला पुलिस को भी यातायात संबंधी सुझाव, सामग्री और प्रशिक्षण देना
राष्ट्रीय उच्च पथों पर ब्लैक स्पॉट का निर्धारण करना
अन्य सभी कार्य जो राज्य में, खासकर राष्ट्रीय उच्च पथों पर सुचारू और सुरक्षित यातायात व्यवस्था से जुड़ी हो.
क्या-क्या पद होंगे सृजित
एक निदेशक : आइजी रैंक के अधिकारी, मुख्यालय, रांची
दो उपनिदेशक : डीआइजी रैंक के अफसर, एक का रांची और दूसरे का धनबाद में कार्यालय होगा
छह डीएसपी : दो डीएसपी निदेशालय मुख्यालय, दो-दो रांची और धनबाद उपनिदेशक कार्यालय में
22 ट्रैफिक इंस्पेक्टर : रांची और धनबाद उपनिदेशक कार्यालय के अधीन 11-11 इंस्पेक्टर होंगे
सात आशु एएसआइ : तीन निदेशालय मुख्यालय और दो-दो रांची और धनबाद उपनिदेशक के यहां
तीन चालक हवलदार : एक निदेशक कार्यालय और एक-एक रांची और धनबाद उपनिदेशक के यहां
नौ कंप्यूटर ट्रेंड आरक्षी : निदेशक कार्यालय में तीन और तीन-तीन दोनों उपनिदेशक कार्यालय में
33 आरक्षी चालक : तीन पद निदेशक कार्यालय, उपनिदेशक कार्यालय के लिए तीन-तीन आैर इंस्पेक्टरों के लिए-एक-एक
72 आरक्षी : निदेशालय में आठ, उप निदेशक कार्यालय में आठ-आठ, प्रत्येक इंस्पेक्टर के यहां दो-दो
तीन प्रधान लिपिक : एक निदेशालय और एक-एक उपनिदेशक कार्यालय
छह उच्च वर्गीय लिपिक : दो निदेशालय के लिए और दो-दो उपनिदेशक कार्यालय
12 निम्नवर्गीय लिपिक : चार निदेशालय के लिए ओर दो-दो उपनिदेशक कार्यालय
छह झाड़ूकश : दो निदेशालय और दो-दो उपनिदेशक कार्यालय के लिए
छह जलवाहक : दो निदेशालय और दो-दो उपनिदेशक कार्यालय के लिए
चार रसोईया : दो-दो उपनिदेशक कार्यालय के लिए
बच्चों की सुरक्षा में ही समाज का भला : आरती
रांची : जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआइएसएस) व सेव द चिल्ड्रेन ने शुक्रवार को बच्चों के अधिकारों पर एक परामर्शदातृ बैठक आयोजित की़ इसमें एक बेहतर कल के निर्माण पर बल दिया गया़
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि यदि बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित रखेंगे, तो अच्छा समाज नहीं बन सकता़ इस विषय पर खुद संवेदनशील बनें व दूसरों को भी बनाये़
उनके हक- अधिकार के लिए सरकार और कई स्वयंसेवी सहायता समूह कार्यरत हैं, पर यदि इसमें युवा शक्ति भी शामिल हो जाये, तो यह और प्रभावी बनेगा़
सेव द चिल्ड्रेन के स्टेट प्रोग्राम आॅफिसर महादेव हंसदा ने कहा कि बच्चों के विकास, भागेदारी व सुरक्षा से जुड़े अधिकारों का सम्मान होना चाहिए़ एक्सआइएसएस के निदेशक फादर एलेक्स एक्का ने कहा कि बच्चों का शोषण संसाधनों की कमी से नहीं बल्कि दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी और बातों को नजरअंदाज करने के कारण नहीं रुकता है. यूनीसेफ की प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों को आसपास का परिवेश ही सुरक्षित या असुरक्षित करता है़
उनके साथ कुछ बुरा हाेने से पहले ही रोकने की जरूरत है़ गुरुनानक हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोहर लाल ने कहा कि बच्चों की अच्छी देखरेख में माता-पिता के साथ शिक्षकों की भी अहम भूमिका है़
एक्सआइएसएस के प्राध्यापक डॉ केके भगत ने कहा कि कॉरपोरेट जगत को अपने लाभ और इंसान व धरती के हित के बीच संतुलन रखने की जरूरत है़ एक्सआइएसएस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनंत कुमार ने बाल यौन शोषण से जुड़ी जानकारियां दी़ कार्यक्रम का संचालन प्रो राजश्री वर्मा व सेव द चिल्ड्रेन की सुमी हलधर ने किया़

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