संविधान की आठवीं अनुसूची में मुंडारी को शामिल किया जाये

रांची : मुंडा सभा ने मुंडारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, रांची विश्वविद्यालय का नाम डाॅ रामदयाल मुंडा के नाम पर रखने और रांची कॉलेज का नाम किसी आदिवासी विभूति के नाम पर रखने की मांग की़ रविवार को गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज सभागार में हुए सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित हुआ़. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2017 8:13 AM
रांची : मुंडा सभा ने मुंडारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, रांची विश्वविद्यालय का नाम डाॅ रामदयाल मुंडा के नाम पर रखने और रांची कॉलेज का नाम किसी आदिवासी विभूति के नाम पर रखने की मांग की़ रविवार को गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज सभागार में हुए सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित हुआ़.
विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि राजनीतिक रूप से एकजुट हुए बिना आदिवासियों का भला नहीं हो सकता़ यह सरकार जनता की नहीं, पूंजीपतियों के इशारे पर चलनेवाली है़ सत्ता में आते ही केंद्र सरकार ने बड़े उद्योगपतियों के डेढ़ लाख करोड़ का ऋण माफ कर दिया़ जमीन लेने के लिए झारखंड में भूमि अधिग्रहण बिल पारित किया गया, जिसमें ग्रामसभा या रैयत की सहमति लेने या विस्थापितों के पुनर्वास की जरूरत नहीं. राज्य सरकार ने ऐसी स्थानीय नीति बनायी है, जिससे आदिवासियाें की आबादी 26 प्रतिशत से घटकर शून्य हो जायेगी़ भगवान बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, एनई होरो और डॉ रामदयाल मुंडा जैसी विभूतियों को समुचित सम्मान नहीं मिला है़ मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि एकजुटता जरूरी है़.

जयपाल सिंह स्टेडियम के सुंदरीकरण का काम अगले साल पूरा हो जायेगा़ राजधानी में जयपाल सिंह मुंडा की आदमकद प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव निगम की बैठक में रखेंगे. प्रोवीसी डॉ सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि जड़ी-बूटी, जीवन दर्शन व समस्याएं सहित हर विषय पर लिखने की जरूरत है़ पत्थलगड़ी को गलत नजरिये से देखने की जरूरत नही़ं.

इन्हें किया गया सम्मानित : मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाले लोगों को सम्मानित किया गया़ लेखन के क्षेत्र से नवीन मुंडू, जोवाकिम तोपनो, सोमा सिंह मुंडा, डॉ सुभाष मुंडा, विक्टर होरो, शिवाम कंडीर, सिलबानुस तोपनो, सामुएल डांग, चिकित्सा के क्षेत्र से डॉ मार्शल लुगुन, डाॅ आनंद मसीह तोपनो और वकालत के क्षेत्र से अधिवक्ता सुभाष कोंगाड़ी को सम्मानित किया गया. आयोजन को सफल बनाने में बिलकन डांग, रोशन होरो, तनुजा मुंडा, सुभाष कोंगाड़ी आदि का योगदान रहा.

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