झारखंड : लालू ने दिया जवाब, सीबीआइ को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश

रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में दायर विभिन्न क्रिमिनल याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने प्रार्थी के निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. साथ ही सीबीआइ को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2017 7:15 AM
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में दायर विभिन्न क्रिमिनल याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने प्रार्थी के निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. साथ ही सीबीआइ को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.
प्रार्थी की दलील का विरोध किया
इससे पूर्व सीबीआइ की अोर से ट्रायल पर रोक लगाने संबंधी प्रार्थी की दलील का विरोध किया गया. वहीं सुनवाई के दाैरान प्रार्थी की अोर से अदालत को जानकारी दी गयी कि आरसी-20ए/96 मामले में जो गवाह व साक्ष्य है, उसे दूसरे मामले में भी सीबीआइ ने शामिल कर लिया है.
इसके लिए सीबीआइ ने उनसे कोई कंसेंट नहीं लिया है. वैसी स्थिति में निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. यह भी कहा गया कि आरसी-64ए/96 व आरसी-68/96 में निचली अदालत ने जो चार्ज फ्रेम किया है, उसमें वर्ष 1977 से लेकर 1996 तक घोटाले की अवधि दी गयी है, जबकि प्राथमिकी में घोटाले की अवधि दूसरी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लालू प्रसाद ने अलग-अलग क्रिमिनल याचिका दायर की है. आरोप गठन से संबंधित निचली अदालत के आदेश में संशोधन करने की मांग की है.
रांची. चारा घोटाला (देवघर कोषागार) से जुड़े मामले आरसी 64ए/96 में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में बचाव पक्ष की अोर से बहस हुई. मामले में आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अधिवक्ताअों ने बहस के दौरान कहा कि वित्तीय गड़बड़ियों के बारे में वित्त विभाग को जनवरी 1996 में पता चला था.
जिसके बाद इसके जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया था. बचाव पक्ष की अोर से कहा गया कि जिले में कोषागारों से निकासी की जानकारी डीसी को होती है अौर डीसी इस संबंध में एजी को रिपोर्ट भेजते हैं. पर इस मामले में किसी भी डीसी ने अवैध निकासी से संबंधित शिकायत नहीं की. गौरतलब है कि यह मामला देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख 24 हजार रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है. इस मामले में बचाव पक्ष की अोर से बहस शनिवार को भी होगी.

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