रांची: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ एनएस राठौर ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे नौकरी की खोज में भागने के बजाय अपना उद्यम प्रारंभ करें और नौकरी देनेवाला बनें. दूध उत्पादन में पिछले 10 वर्षों से भारत दुनिया का सिरमौर है और वर्तमान में 16़3 करोड़ टन दूध का वार्षिक उत्पादन होता है.
आइआइएम बेंगलुरु के एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 2021 तक देश की दूध आवश्यकता की पूर्ति के लिए 21 करोड़ टन दूध का अधिक उत्पादन करना होगा. अभी देश में गोवंश 30 करोड़, भेड़ 7़5 करोड़, बकरी 15 करोड़ तथा सुअर एक करोड़ हैं, लेकिन उनके चारा की भारी कमी है. पशुअों को हरा चारा 60 प्रतिशत तथा दाना 75 प्रतिशत कम उपल्बध हो पा रहा है. देश में केवल तीन राज्य – राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा हैं, जहां कुल भूमि के 10 प्रतिशत हिस्से में चारा उत्पादन हो रहा है. चारा उत्पादन क्षेत्र का राष्ट्रीय अौसत तीन से चार प्रतिशत है. डॉ राठौर गुरुवार को बिरसा कृषि विवि अंतर्गत रांची वेटनरी कॉलेज के 57वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत लाखों वर्ष प्राचीन सभ्यता वाला देश है. वर्तमान में दुनिया का 52 प्रतिशत आम, 67 प्रतिशत बैगन, 27 प्रतिशत काजू और 37 प्रतिशत गोभी पैदा करता है. फिर भी अबतक विकासशील देश ही बना हुआ है. वहीं, अमेरिका, चीन और जापान जैसे अपेक्षाकृत नये देश दुनिया के अग्रणी राष्ट्र बने हुए हैं. उन्होंने जीवन में कुछ हासिल करने के लिए विद्याथिर्यों से योग्य, बोल्ड, उद्देश्य के लिए समर्पित और अनुशासित बनने की अपील की. डॉ राठौर ने कहा कि युवा देश की तकदीर बदलने का संकल्प ले लें और समर्पित प्रयास करें, तो भारत को दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती.
विवि के कुलपति डॉ पी कौशल ने कहा कि इस कॉलेज की पुरानी गरिमा और शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाये रखना एक चुनौती है. जिसके लिए यहां के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को काफी मेहनत करनी होगी. मौके पर वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ एके श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार डॉ नरेंद्र कुदादा तथा वार्डेन डॉ आलोक कुमार पांडेय ने भी अपने विचार रखे. भाषण में हिमांशु राज, अमानुल्लाह, अभिषेक कुमार एवं कविस अहसान, चित्रकारी के लिए सुरभि कुमारी, अरूणा सरदार एवं अनल बोस तथा प्रशासनिक सेवा में सफलता के लिए डॉ निशा कुमारी एवं रेश्मा डुंगडुंग को सम्मानित किया गया. कॉलेज के 15 सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया. इसके पूर्व डॉ राठौर ने कॉलेज परिसर सहित छात्रावास, पशु-पक्षी प्रक्षेत्रों का भ्रमण भी किया. वेटनरी कॉलेज के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का अभिनंदन किया गया. विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये.