रांची : झारखंड की राजधानी रांची में ट्रैफिक समेत अन्य व्यवस्था सुधारने के लिए हाल में कुछ कड़े फैसले लिये गये. इससे समस्या हल होने के बदले लोगों की परेशानियांबढ़ ही गयीं. उन फैसलों पर झारखंड के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने ऐतराज जताया है. फेसबुक और ट्विटर पर उन्होंने अपने गुस्से का इजहार करने के साथ-साथ शासन और प्रशासन को कुछ सुझाव भी दिये हैं.
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सरयू राय ने लिखा है, ‘अतार्किक फरमान, असंबद्ध बयान, अवैज्ञानिक सोच, अनावश्यक दिखावामें से कोई भी एक स्वार्थी तत्वों का पृष्ठपोषण करने तथा शासन व्यवस्था को पंगु एवं गैरजिम्मेदार बनाने के लिए पर्याप्त है. ये सभी यदि कहीं एक साथ मिल जायें, तो भगवान भी सुधार में मददगार बनने के पहले सौ बार सोचेंगे.’
कर्तव्य पथ पर हमेशा ध्यान रहे कि विज्ञापन विकास का, कहना करने का, दिखावा असलियत का, चतुराई समझदारी का, घोषणा समाधान का विकल्प नही हो सकते.
— Saryu Roy (@roysaryu) November 30, 2017
उन्होंने आगे लिखा है कि राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक परिवर्तन के संदर्भ में प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी की सोच समयानुकुल है और नीयत सही है. जरूरत है इनके बारेमें सटीक समझ बनाने की और स्थानीय परिप्रेक्ष्य में इन्हें तत्परतापूर्वक लागू करने की, न कि बिना सोचे-समझे इनका नकल करने की.
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उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास की सह रूपरेखा तैयार करना जितना आवश्यक है, उतना ही या उससे भी अधिक आवश्यक है इसे मूर्त रूप देने के लिए एक जिम्मेदार और ईमानदार सिस्टम बनाने की. सबका साथ और सबका विकास के संकल्प को नारा नहीं, निष्ठा बनाने की.
श्री राय ने यह भी कहा है कि सुधारने के साथ-साथ सुधरने का भी अभ्यास हो, तभी बात बन सकती है. खाद्य आपूर्ति मंत्री ने आगे लिखा है, ‘कर्तव्य पथ पर हमेशा ध्यान रहे कि विज्ञापन विकास का, कहना करने का, दिखावा असलियत का, चतुराई समझदारी का, घोषणा समाधान का विकल्प नहीं हो सकते.’