Jharkhand : पुलिस वालों को ट्रेनिंग देंगे बड़े नक्सली, नक्सलियों के सफाये के लिए झारखंड पुलिस ने बनायी है विशेष योजना

रांची : झारखंड से नक्सलियों के सफाये के लिए नक्सलियों की ही मदद ली जायेगी. पुलिस ने एक विशेष योजना तैयार की है, जिसके तहत सरेंडर कर चुके नक्सली अब पुलिस वालों को नक्सलियों से लड़ने और उनसे आमना-सामना होने पर बचने की ट्रेनिंग देंगे. पुलिस मुख्यालय (आइजी अभियान) ने यह योजना तैयार की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2017 8:42 AM
रांची : झारखंड से नक्सलियों के सफाये के लिए नक्सलियों की ही मदद ली जायेगी. पुलिस ने एक विशेष योजना तैयार की है, जिसके तहत सरेंडर कर चुके नक्सली अब पुलिस वालों को नक्सलियों से लड़ने और उनसे आमना-सामना होने पर बचने की ट्रेनिंग देंगे. पुलिस मुख्यालय (आइजी अभियान) ने यह योजना तैयार की है. उन्होंने सरेंडर कर चुके शीर्ष नक्सलियों और पुलिस पदाधिकारियों के बीच संवाद स्थापित करने की जिम्मेवारी संबंधित रेंज के डीआइजी और संबंधित जिले के एसएसपी/ एसपी को सौंपी है.
क्या होगा फायदा : आइजी अभियान ने रिपोर्ट में लिखा है कि सभी एसपी/डीआइजी सरेंडर कर चुके शीर्ष नक्सलियों और उग्रवादियों के साथ क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारी एवं जवानों के साथ पारस्परिक बातचीत करना सुनिश्चित करेंगे. इसका फायदा यह होगा कि सरेंडर करने वाले उग्रवादी अपने पूर्व के क्रियाकलापों अथवा पुलिस के विरुद्ध किस तरीके से कार्य करते थे, इसके संबंध में जवानों और पुलिस पदाधिकारियों को जानकारी मिल सके.

यह भी फायदा होगा कि पुलिस के खिलाफ उग्रवादी किस तरह से कदम उठाते हैं, इसकी भी जानकारी मिल पायेगी. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में कई बड़े नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. इसके अलावा आइजी अभियान ने झारखंड में सक्रिय नक्सलियों से निबटने और उनके समर्थकों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए 18 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर योजना तैयार की है.

अब जामताड़ा के सोखा ने कहा : गीता मेरी बेटी, 11 दिसंबर को डीसी कार्यालय में होगी मुलाकात

नक्सलियों से निबटने के लिए तैयार योजना के प्रमुख बिंदु
1. नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ टारगेट बेस्ड ऑपरेशन चलायें. अभियान के दौरान बलों का उपयोग सही तरीके से हो.
2. जेल में बंद उग्रवादियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाये. फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन की गतिविधियों के बारे में स्टेशन डायरी की जाये.
3. नक्सली हिंसा में शिकार लोगों के परिवार के सदस्यों को एसपीओ बनाया जाये. पिकेट और पोस्ट के अंतर्गत चेकिंग प्वाइंट निर्धारित हो.
4. इलाके में सक्रिय नक्सली दस्ता में शामिल सदस्यों के नाम, पता, फोटोग्राफ के अलावा उनके हथियार की विवरणी प्राप्त कर लें.
5. नक्सली को आश्रय देने, खाना और सामान उपलब्ध कराने वाले के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करें.

Next Article

Exit mobile version