स्पाइन की सभी बीमारी में सर्जरी आवश्यक नहीं

रांची : लीलावती अस्पताल के हड्डी व स्पाइन रोग विशेषज्ञ डॉ शेखर भोजराज ने कहा कि स्पाइन की सभी बीमारी में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है. स्पाइन की समस्या लेकर आनेवाले 10 मरीजों में दो मरीजों को ही सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है. शेष मरीजों को दवा देकर ठीक किया जा सकता है. वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2017 9:06 AM
रांची : लीलावती अस्पताल के हड्डी व स्पाइन रोग विशेषज्ञ डॉ शेखर भोजराज ने कहा कि स्पाइन की सभी बीमारी में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है. स्पाइन की समस्या लेकर आनेवाले 10 मरीजों में दो मरीजों को ही सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है. शेष मरीजों को दवा देकर ठीक किया जा सकता है. वह शुक्रवार को स्पाइन फाउंडेशन ऑफ इंडिया व रिम्स के हड्डी विभाग द्वारा लो बैकपेन पर रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि आजकल स्पाइन की समस्या लेकर आनेवाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. स्पाइन की समस्या बढ़ती उम्र की समस्या है, लेकिन यह कम उम्र में भी हो रहा है. लोग बैक पेन, लो बैक पेन आदि की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं. यह स्पाइन की नस दबने के कारण भी होता है. स्पाइन फाउंडेशन के तहत हम देश के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं. बिहार-झारखंड के लिए रिम्स को चुना गया है. रिम्स में दो दिन तक हड्डी विभाग में 150 मरीजों को देखा गया. ओपीडी एवं वार्ड में भर्ती मरीजों को परामर्श दिया गया. इसमें अधिकांश में स्पाइन सर्जरी की आवश्यकता नहीं है.
15 से 20 मरीजों में ही स्पाइन सर्जरी की आवश्यकता है. रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि रिम्स में ऐसे आयोजन होते है, जिससे डॉक्टरों को नयी जानकारी का आदान-प्रदान होता है. आयोजन को सफल बनाने में हड्डी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एलबी मांझी, डॉ हरींद्र हिमांशु एवं डॉ जयपलक ने सहयोग दिया. सेमिनार में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ एस पांडेय, उपाधीक्षक डाॅ गोपाल श्रीवास्तव, डॉ पीके सिंह, डॉ आरजी बाखला, डॉ तुलसी महतो, डॉ विनय प्रताप, डॉ शीतल मलुआ, डॉ पंकज बोदरा, डॉ रोहित लाल, डॉ पवन कुमार, डॉ अनिल पांडेय सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.

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