शुरू नहीं हुई पंचायती राज परिषद की बैठक

रांची: राज्य सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था की बेहतरी, इसके सशक्तीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव देने के वास्ते पंचायती राज स्वशासन परिषद का गठन किया है. लेकिन जुलाई में गठित इस परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक अब तक नहीं हो सकी है. जनजातीय परामर्शी परिषद (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) की तर्ज पर गठित इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2017 8:20 AM
रांची: राज्य सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था की बेहतरी, इसके सशक्तीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव देने के वास्ते पंचायती राज स्वशासन परिषद का गठन किया है. लेकिन जुलाई में गठित इस परिषद की कार्यकारिणी समिति की बैठक अब तक नहीं हो सकी है.
जनजातीय परामर्शी परिषद (ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल) की तर्ज पर गठित इस परिषद का कार्य पंचायतों की शक्ति के विकेंद्रीकरण के लिए कार्य व प्रक्रिया, फंड व कर्मियों के हस्तांतरण पर विचार करना, पेसा क्षेत्र में पंचायती राज व्यवस्था का क्रियान्वयन, पंचायतों की आय के स्रोत विकसित करने के लिए उपाय सुझाना तथा पंचायती राज व्यवस्था के कर्मियों व प्रतिनिधियों का क्षमता विकास सहित पंचायत व सरकार के विभिन्न स्तर पर समन्वयन सहित अन्य सुझाव व अनुशंसा करना है.

विभागीय सूत्रों के अनुसार, बैठक बुलाने की कार्रवाई प्रक्रिया में है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता तथा विभिन्न विभागों के सचिवों के बतौर सदस्यों वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक तीन माह में कम से कम एक बार होना अनिवार्य है. बैठक आयोजित करने का दायित्व कार्यकारिणी के सदस्य सचिव का है. पंचायती राज सचिव इस समिति के सदस्य सचिव होते हैं. परिषद का एक शासी निकाय (गवर्निंग बॉडी) भी है. ग्रामीण विकास मंत्री इसके अध्यक्ष तथा जनजातीय कल्याण, राजस्व व भूमि सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण तथा पेयजल व स्वच्छता मंत्री इसके सदस्य हैं. वहीं विभिन्न विभागों के सचिव भी इसके सदस्य तथा पंचायती राज सचिव निकाय के सदस्य सचिव होते हैं. शासी निकाय की बैठक छह माह में कम से कम एक बार अवश्य होनी चाहिए. इस बैठक के आयोजन की जिम्मेदारी भी सदस्य सचिव की ही है.

कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) के तहत होनेवाली नियुक्ति
पंचायती राज विशेषज्ञ (एक पद), वित्त विशेषज्ञ (एक पद), सूचना संप्रेषण व मीडिया विशेषज्ञ (एक पद), प्रशिक्षण समन्वयक (एक पद), ग्रामीण विकास विशेषज्ञ (एक पद) तथा लेखा सहायक (दो पद). (उपरोक्त में से प्रखंड समन्वयक की नियुक्ति हो गयी है. उपरोक्त सभी पदों का मानदेय सरकार द्वारा निर्धारित होना है)

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