बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र, आठ से हाे सकती है हल्की बारिश, बढ़ जायेगी ठंड

रांची: राजधानी रांची अौर आसपास के इलाकों में शुक्रवार से ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आठ दिसंबर से दो दिनों तक आकाश में बादल छाये रहेंगे, जबकि कहीं-कहीं हल्की वर्षा अौर बादल गरज सकते हैं. मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2017 8:19 AM
रांची: राजधानी रांची अौर आसपास के इलाकों में शुक्रवार से ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आठ दिसंबर से दो दिनों तक आकाश में बादल छाये रहेंगे, जबकि कहीं-कहीं हल्की वर्षा अौर बादल गरज सकते हैं.

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है. बारिश की वजह से ठंडी हवा चलने से पारा गिरने की आशंका है. मौसम विभाग के अनुसार यह स्थिति 10 दिसंबर तक रहने की उम्मीद है, जबकि 11 दिसंबर से मौसम साफ हो सकता है. रांची में बुधवार को न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
आपदा प्रबंधन प्राधिकार की अपील, गर्म कपड़ा पहन कर ही निकलें
ठंड से बचने के लिए आवश्यक गर्म कपड़ों जैसे-स्वेटर, मफलर, टोपी व दस्ताने का इस्तेमाल करें
घर के अंदर सुरक्षित रहें व स्थानीय रेडियो-समाचार पत्रों से मौसम की जानकारी लेते रहें
बच्चों और बूढ़ाें के सिर पर टोपी व पैरों में गर्म मोजे अवश्य पहनायें
अंगीठी, मिट्टी का चूल्हा, हीटर आदि का प्रयोग करते समय सावधान रहें व कमरे को हवादार रखें ताकि, जहरीले धुएं से नुकसान न हो
शरीर को सूखा रखें, गीले कपड़े तुरंत बदलें, विषम परिस्थितियों व अत्यधिक सर्दियों के लिए जलावन की लकड़ियाें व पर्याप्त गर्म कपड़ों के साथ आपातकालीन मेडिकल किट तैयार रखें
ठंड लगने के लक्षणों को पहचानें-जैसे हाथों व पांव की उंगलियों, कानों, नाक आदि पर सफेद या पीला दाग उभर आना, ठंड लगने की स्थिति में शीघ्र अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर इलाज करायें
कई स्तरों वाले गर्म कपड़े ठंड लगने व हाइपोथर्मिया से बचा सकते हैं
अत्यधिक ठंड में सामुदायिक केंद्रों व स्थलों पर जहां प्रशासन द्वारा अलाव का प्रबंधन किया गया हो, उपलब्ध सेवा का लाभ उठायें
मवेशियों को रात में खुले आकाश या पेड़ के नीचे न रखें. मवेशियों को छत के नीचे रखकर बोरा, पुराना कंबल से ढंक दें. रात में आग जलायें एवं उनके बैठने की जगह पर पुआल या रबर मैट का इस्तेमाल करें

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