जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई मानवाधिकार का विषय
रांची: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर नेटवर्क ऑफ एडवोकेट्स फॉर राइट्स एंड एक्शन (नारा) का सेमिनार एचआरडीसी गोस्सनर कंपाउंड में हुआ, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये मानवाधिकार कार्यकर्ता, सामुदायिक नेतृत्वकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए़ नारा के अध्यक्ष गोपीनाथ घोष ने कहा कि जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई भी मानवाधिकार का विषय बन गया […]
रांची: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर नेटवर्क ऑफ एडवोकेट्स फॉर राइट्स एंड एक्शन (नारा) का सेमिनार एचआरडीसी गोस्सनर कंपाउंड में हुआ, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये मानवाधिकार कार्यकर्ता, सामुदायिक नेतृत्वकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए़ नारा के अध्यक्ष गोपीनाथ घोष ने कहा कि जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई भी मानवाधिकार का विषय बन गया है़ इन्हें बचाना जरूरी है़.
फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि सरकार की गैरमजरुआ और सामुदायिक जमीन को भी लैंड बैंक में शामिल कर कारपोरेट घरानों को देने की योजना है़.
अधिवक्ता रश्मि कात्यायन ने कहा कि भूमि कानून में सुधार से ज्यादा खतरनाक सरकार की भूमि बैंक की योजना है़ इसका विरोध ग्राम सभा स्तर से राजभवन तक करना जरूरी है़ समन्वयक अधिवक्ता अमित कुमार ने जमीन से जुड़े कानून व संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी दी़ नाजिर हुसैन व अन्य मौजूद थे़