Coal Scam : मधु कोड़ा को अब 16 दिसंबर को सुनायी जायेगी सजा, कोड़ा के वकील ने कोर्ट में दी यह दलील
नयी दिल्ली/रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को राजहरा नॉर्थ कर्नपुरा कोयला खदान के आवंटन में गड़बड़ी करने के मामले में अब 16 दिसंबर को सजा सुनायी जायेगी. सीबीआई की विशेष अदालत ने कोड़ा समेत 4 लोगों को बुधवार को खदान आवंटन घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम व अन्य धाराओं के तहत […]
नयी दिल्ली/रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को राजहरा नॉर्थ कर्नपुरा कोयला खदान के आवंटन में गड़बड़ी करने के मामले में अब 16 दिसंबर को सजा सुनायी जायेगी. सीबीआई की विशेष अदालत ने कोड़ा समेत 4 लोगों को बुधवार को खदान आवंटन घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम व अन्य धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. गुरुवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई हुई. कोड़ा के वकील ने कोर्ट से कहा कि दो मासूम बच्चियों के पालन-पोषण की जिम्मेवारी उन पर है. स्वास्थ्य से जुड़ी उनकी खुद की समस्याएं भी हैं. इसे देखते हुए उन्हें कम से कम सजा दी जानी चाहिए.
Jharkhand Coal Scam Case: Former CM Madhu Koda argued in Delhi's Special CBI Court that he be given less punishment as he has 2 minor daughters and several medical issues, other 3 convicts sought less punishment on the basis of medical issues too. Order reserved for 16th December
— ANI (@ANI) December 14, 2017
इसी तरह 3 अन्य आरोपियों ने भी खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए न्यूनतम सजा दिये जाने की अपील की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 16 दिसंबर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. ज्ञात हो कि बुधवार को कोर्ट ने मधु कोड़ा समेत 4 लोगों को कोयला आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था.
इससे पहले, बुधवार को कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने जैसे ही अपना फैसला सुनाया, मधु कोड़ा पिछले दरवाजे सेकोर्ट रूम से निकल गये थे.यहां से निकलकर किसी अज्ञात स्थल पर चले गये.
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केंद्रीयजांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्पेशल कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला के एक मामले में कोड़ा एवं विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड समेत 4 को दोषी ठहराया है. सभी को आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया. इनकी सजा के बिंदुओं पर विशेष कोर्ट में आज (14 दिसंबर) को सुनवाई हुई. मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक का आवंटन नियमों का उल्लंघन कर कोलकाता स्थित विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (बीआइएसयूएल) को देने से जुड़ा है.
इस मामले में स्पेशल कोर्ट के जज भरत पराशर ने मधु कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, कोड़ा के करीबी विजय जोशी और निजी कंपनी विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को दोषी करार दिया है. हालांकि, कोर्ट ने विन्नी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड के डायरेक्टर वैभव तुलस्यान, लोकसेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य, विपिन बिहारी सिंह औरचार्डर्डएकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को आरोपों से बरी कर दिया.
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बुधवार को कोड़ा समेत अन्य को दोषी ठहराये जाने बाद कोयला घोटाले से संबंधित 30 में से चार मामलों का निबटारा स्पेशल कोर्ट ने कर दिया है. इन चार मामलों में 12 व्यक्तियों और चार कंपनियों को दोषी ठहराया गया है. इसी तरह झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के लिए कोड़ा के साथ गुप्ता व उद्योगपति नवीन जिंदल व पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारि नारायण राव को दोषी ठहराया जा चुका है.
ज्ञात हो कि संसद में पेश CAG की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था किकोयलाखदानों के आवंटन से सरकार को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस मामले में आरोपियों पर जो धाराएं लगायी गयी हैं, उसमें दोषियों को सात से दस साल या आजीवन कारावासतक का प्रावधान है. इस साल छह दिसंबर को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था, जिसके बाद वे कोर्ट में पेश हुए.
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सीबीआई का आरोप है कि बीआईएसयूएल कंपनी ने जनवरी, 2007 को राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन दिया था. आरोप में कहा गया है कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने बीआईयूएसएल को कोयला ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी. इसके बावजूद 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश की.
सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया कि स्क्रीनिंग कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन एचसी गुप्ता ने यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री और कोयला मंत्रालय का प्रभार देख रहे मनमोहन सिंह से छिपायी कि झारखंड सरकार ने बीआईएसयूएल को ब्लॉक का आवंटन करने की सिफारिश नहीं की है.
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सीबीआइ ने आरोप पत्र में कहा : सीबीआइ की ओर से दायर आरोप पत्र में कहा गया था कि मधु कोड़ा और आरोपी अधिकारियों ने विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटित करने की अनुशंसा सुनियोजित साजिश के तहत की थी. इस कोल ब्लॉक में 17.09 मिलियन टन कोयले के भंडार का अनुमान है. आरोप पत्र के अनुसार, इस कंपनी को कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए झारखंड सरकार के उद्योग मंत्रालय ने अनुशंसा नहीं की थी. पर, तत्कालीन मुख्य सचिव एके बसु ने तीन जुलाई, 2008 को आयोजित 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लिया और इस कंपनी को कोल ब्लॉक देने की अनुशंसा कर दी. इस कमेटी की अध्यक्षता पूर्व कोयला सचिव एसची गुप्ता ने की थी. अनुशंसा तब की गयी, जब मधु कोड़ा के करीबी विजय जोशी को इस कंपनी का मालिकाना हक मिला. इसके लिए कंपनी की परिसंपत्तियों को भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया था. इससे पहले कंपनी का मालिकाना हक तुलस्यान बंधुओं के पास था.
किस पर कौन-कौन से आरोप
मधु कोड़ा,पूर्व सीएम, झारखंड : कोड़ा 14 सितंबर, 2006 से 23 अगस्त, 2008 तक झारखंड के सीएम रहे. उन पर विन्नी आयरन एंड स्टील के लिए राजहरा कोल ब्लॉक आवंटन की अनुशंसा में आपराधिक साजिश का आरोप है.
एके बसु, पूर्व मुख्य सचिव : 19 मार्च, 2008 से 31 अगस्त, 2009 तक एके बसु झारखंड के मुख्य सचिव थे. इनके कार्यकाल में वीआइएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था. हालांकि, इसके लिए उद्योग विभाग ने सिफारिश नहीं की थी.
एचसी गुप्ता, पूर्व कोयला सचिव : सितंबर, 2005 से नवंबर, 2008 तक कोयला सचिव थे. स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन गुप्ता ने यह तथ्य तत्कालीन पीएम से छिपाया कि झारखंड सरकार ने वीआईएसयूएल को आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी.
इन्हें दोषी करार दिया गया: मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री), एचसी गुप्ता (पूर्व कोयला सचिव), एके बसु (पूर्व मुख्य सचिव), विजय जोशी (विन्नी स्टील एंड आयरन के निदेशक), विन्नी स्टील एंड आयरन उद्योग लिमिटेड.
आरोपियों के खिलाफ लगायी गयी धाराएं: 120बी, 420, 409 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत
इन्हें कोर्ट ने किया बरी : वैभव तुलस्यान (कंपनी के निदेशक), नवीन कुमार तुलस्यान (चार्टर्ड एकाउंटेंट), बीबी सिंह (पूर्व खान निदेशक), बसंत भट्टाचार्य (तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी, खान विभाग)