Jharkhand में चुंबन प्रतियोगिता पर बोले रघुवर : आदिवासी संस्कृति को नष्ट कर रहे कुछ लोग, जनता माफ नहीं करेगी

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में पिछले दिनों आयोजित चुंबन प्रतियोगिता पर पहली बार चुप्पी तोड़ी. मुख्यमंत्री ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा कि आदिवासी का हितैषी बनने का दिखावा करने वाले लोग आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने में लगे हैं. ये लोग चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2017 1:03 PM

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में पिछले दिनों आयोजित चुंबन प्रतियोगिता पर पहली बार चुप्पी तोड़ी. मुख्यमंत्री ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा कि आदिवासी का हितैषी बनने का दिखावा करने वाले लोग आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने में लगे हैं. ये लोग चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन करवा कर समाज में विकृति फैला रहे हैं.झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.

सदन मेंझारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व मेंशुरू हुआ हंगामा को थमता नहीं देख मुख्यमंत्री ने उन्हेंकरारा जवाब दिया. संताल परगना के पाकुड़ स्थित लिट्टीपाड़ाके एक गांव में झामुमो केविधायकसाईमन मरांडी द्वारा चुंबन प्रतियोगिता (Kiss Competition) आयोजित करवाने के मुद्दे परविपक्षी दल पर बमकर बरसे. उन्होंने कहा कि आदिवासियोंके हित की बात करने वाले ये लोग आदिवासी संस्कृति को नष्ट करने में लगे हैं. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता सब देख रही है. आने वाले दिनों मेंराज्य से इनका सफाया हो जायेगा.

विरोधी दलों को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्रीश्री दास ने कहा कि विपक्ष हठधर्मिता का परिचय दे रहा है. जनहित के मुद्दों पर बहस करने की बजाय सदन को ठप करने में जुटा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) 47 साल से झारखंड की भोली-भाली जनता को बरगला रहा है. आदिवासी-मूलवासीहितोंके नाम पर उन्हें ठग रहा है. मुख्यमंत्री के इस बयान पर झामुमो के विधायक भड़क गये. विधायकों ने वेल में आकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

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उधर, हेमंत सोरेन ने सरकार पर जनहित के मुद्दों पर बहस करने से बचने का आरोप लगाया. कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून, स्थानीय नीति, बकोरियाफर्जी मुठभेड़ और मोमेंटम झारखंड में घोटाला के मुद्दे पर सरकार बहस नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि सरकार को जनहित के मुद्दों परविपक्ष के सवालों का जवाब देना ही होगा.

इससे पूर्व, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बकोरिया फर्जी मुठभेड़ कांड और मोमेंटम झारखंड को लेकर विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया. पार्टी ने धरना भी दिया. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और सदन में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि उनके पास कई मुद्दे हैं, लेकिन इस वक्त ये दोनों ज्वलंत मुद्दे हैं.मुख्य विपक्षी दल के नेता ने कहा कि सरकार ने लूट मचा रखी है. तथ्यों को छिपाया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और सरकार में बैठे लोग अपनी कामयाबियां गिना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते वह सरकार की खामियों को उजागर करते रहेंगे और जब तक सरकार उनकी बातों पर गौर नहीं करेगी, सदन के अंदर और बाहर हंगामा जारी रहेगा.

ज्ञात हो कि 4 दिन के सत्र में विरोधी दलों ने बकोरिया फर्जी मुठभेड़ के मुद्दे पर सदन में लगातार हंगामा किया, जिससे विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. 14 दिसंबर को भी इसी मुद्दे पर सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. दूसरी तरफ, जुगसलाई के आजसू विधायक रामचंद्र सहिस ने कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग पर धरना दिया. कांग्रेस के इरफान अंसारी ने भी उनका समर्थन किया और धरने पर बैठ गये थे.

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