रांची :कोयलाघोटाला मामले में तीन साल की सजा पाने वाले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा मनी लाउंड्रिंग के मामले में भी अभियुक्त हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौ अक्तूबर, 2009 को मधु कोड़ा और विनोद सिन्हा सहित नौ लोगों के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत मुकदमा दायर किया था. यह मामला भी रांची स्थित पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है. निदेशालय ने जिन लोगों को अभियुक्त बनाया है, उनमें पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह, भानु प्रताप शाही, बंधु तिर्की, सुनील सिन्हा, विकास सिन्हा, संजय चौधरी और धनंजय चौधरी शामिल हैं.
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ईडी द्वारा दायर मुकदमे में नामजद अभियुक्तों पर अपने पद का दुरुपयोग करने, साजिश रचकर नाजायज तरीके से पैसा कमाने और इस पैसे से संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा हवाला के माध्यम से विदेशों में पैसा ले जाने और व्यापार करने का आरोप लगाया गया है.
मुकदमे में कहा गया है कि विभिन्न शिकायतों और इससे जुड़े साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि मधु कोड़ा ने 17 लाख डॉलर की लागत से एक खदान खरीदी है. विनोद सिन्हा ने 200 करोड़ रुपये की संपत्ति इकट्ठा की है. विनोद ने 17.5 करोड़ रुपये की लागत से शिवराम स्पंज आयरन नामक कंपनी खरीदी.
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उसने संजय चौधरी के साथ विदेशों में मेसर्स कैम पिच मैन्युफैक्चरिंग और ब्लू टेक्नो नामक कंपनी खोली. हवाला के जरिये इन कंपनियों में पैसा लगाया. इसके अलावा इन दोनों ने ट्रांसपोर्ट, पर्यटन आदि का कारोबार करने के लिए विभिन्न कंपनियां बनायीं. विनोद और संजय ने भारत के अलावा इंडोनेशिया, दुबई, थाईलैंड और सिंगापुर में निवेश किया.