इटखोरी के विकास पर खर्च होंगे 500 करोड़ रुपये, मंदिर परिसर को बनाया जायेगा विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल
इटखोरी : मुख्यमंत्री रघुवर दास शनिवार को इटखोरी मंदिर पहुंचे. पूजा-अर्चना के बाद बौद्ध स्तूप देखा. इटखोरी को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने को लेकर मां भद्रकाली मंदिर परिसर में बैठक की. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद उन्होंने कहा : मां भद्रकाली मंदिर परिसर को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जायेगा. इटखोरी […]
इटखोरी : मुख्यमंत्री रघुवर दास शनिवार को इटखोरी मंदिर पहुंचे. पूजा-अर्चना के बाद बौद्ध स्तूप देखा. इटखोरी को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने को लेकर मां भद्रकाली मंदिर परिसर में बैठक की. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद उन्होंने कहा : मां भद्रकाली मंदिर परिसर को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जायेगा. इटखोरी के लिए 500 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान तैयार किया गया है. यहां तीन धर्मों (हिंदू, बौद्ध व जैन) का संगम स्थल है. हम तीनों क्षेत्रों का विकास करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा : इटखोरी को बोधगया व कौलेश्वरी से जोड़ कर सर्किट बनायेंगे. चीन से भी बेहतर बौद्ध स्तूप बनायेंगे, जिसकी ऊंचाई 30 मीटर होगी. इसके निर्माण पर 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मोहाने नदी को विकसित किया जायेगा. पर्यटन क्षेत्र में विकास होने से रोजगार का अवसर भी मिलेगा. विदेशी पर्यटक आयेंगे, तो विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी. लोगों को रोजगार मिलेगा.
छह माह बाद कार्य दिखायी देगा
सीएम ने कहा : सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास कर रही है. उद्योग, आइटी व पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रही है. सांस्कृतिक टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है. लोगों को राजस्व के साथ रोजगार भी प्राप्त होगा. छह माह के बाद इटखोरी में कार्य दिखाई देने लगेगा. कौलेश्वरी का भी विकास होगा. उन्होंने कहा : हमारा संकल्प है कि 2022 तक राज्य से गरीबी दूर करेंगे. राज्य की नदियों में पानी का जमाव रहे, इसके लिए जन आंदोलन के तहत उनमें जमा गाद को हटाने के लिए अभियान चलाया जायेगा. अभियान अप्रैल माह से चलेगा. इससे बरसात का पानी नदियों में ठहरेगा.
स्थल निरीक्षण किया
बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विकसित किये जानेवाले जगहों का निरीक्षण भी किया. उन्होंने अधिकारियों को योजना के तहत कार्य करने सुझाव दिया. जिन स्थलों पर कार्य किया जाना है, वहां की जमीन भी देखी.
रैयतों को सम्मानित करेंगे
मंदिर परिसर में जमीन के मुआवजे को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, रैयतों को सम्मानित किया जायेगा. उनके पूर्वजों के नाम का शिलापट्ट बनाया जायेगा. धार्मिक स्थलों में दी गयी जमीन का मुआवजा लेना संस्कृति के खिलाफ है. लोग मुआवजा की नहीं, सम्मान की बात करें, क्षेत्र का विकास होगा, तो रोजगार मिलेगा.
बैठक में थे
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव राहुल शर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, डीसी संदीप सिंह व इनडेक कंपनी के अधिकारी थे.