यह शहर हमारा है और हमें ही इसे व्यवस्थित करना है

सिविल सोसाइटी ने उठाये गंभीर सवाल, दिया संदेश राजधानी रांची मौजूदा समय में गंदगी, प्रदूषण, सड़क जाम, सड़कों पर अव्यवस्थित भीड़ आदि जैसी कई समस्याओं से जूझ रही है. खुद सरकार और विभिन्न सरकारी विभाग इन समस्याओं से शहरवासियों को निजात दिलाने की कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है. ऐसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2017 8:20 AM
सिविल सोसाइटी ने उठाये गंभीर सवाल, दिया संदेश
राजधानी रांची मौजूदा समय में गंदगी, प्रदूषण, सड़क जाम, सड़कों पर अव्यवस्थित भीड़ आदि जैसी कई समस्याओं से जूझ रही है. खुद सरकार और विभिन्न सरकारी विभाग इन समस्याओं से शहरवासियों को निजात दिलाने की कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है.
ऐसे में शहर की सिविल सोसाइटी (कुछ सजग नागरिकों का अनौपचारिक संगठन) ने तय किया है कि वह शहर की सूरत संवारने के लिए अपना कुछ समय, ज्ञान और नजरिया इस शहर के लिए देगी. सोसाइटी का सूत्र वाक्य है, ‘यह शहर हमारा है और हमें ही इसे व्यवस्थित करना है. सिर्फ बैठकर या सरकारी तंत्र को कोसने से ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा, हमें रांची को एक श्रेष्ठ शहर बनाना है.’
रांची : राजधानी की विभिन्न समस्याओं के समाधान की रूपरेखा तय करने के लिए सिविल सोसाइटी की पहली रविवार को बैठक रेडक्रॉस भवन परिसर में हुई. इसमें शहर के कई गणमान्य लोग शामिल हुए. इस दौरान सर्वसम्मति से ‘वी आर रांची, वी आर चेंज’ नामक अभियान चलाने का फैसला लिया गया. अभियान का मकसद रांची को एक विश्व स्तरीय शहर बनाना होगा.
बैठक के दौरान राजधानी रांची को एक बेहतर मोबिलिटी व्यवस्था देने पर भी चर्चा हुई. इसके लिए कई सुझाव भी आये. शहर को एक सेफ, ग्रीन, अफोर्डेबल और कंफर्टेबल मोबिलिटी व्यवस्था देने की आम सहमति बनी. रांची शहर में वर्तमान में व्याप्त ट्रैफिक समस्या और संभावित सुझावों के ऊपर एक पूरा सत्र आयोजित किया गया. इस सत्र का संचालन ट्रैफिक एवं रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट राजेश दास ने किया.
यातायात में सुधार का प्रस्ताव तैयार
सिविल सोसाइटी के सभी सदस्यों के सहयोग से यातायात व्यवस्था में सुधार का एक विस्तृत प्रस्ताव भी तैयार किया गया. इस पर जनता की राय लेने के उद्देश्य से अगले सप्ताह लगातार अलग-अलग कार्यक्रम चलाये जायेंगे. उसके बाद इस प्रस्ताव को न सिर्फ सरकार के समक्ष रखा जायेगा बल्कि, उन्हें इस कैंपेन के सदस्यों का सहयोग भी उपलब्ध कराया जायेगा.
स्लाइड के जरिये बताये जाम से मुक्ति के उपाय
बैठक में राज्य के अनुभवी पूर्व चीफ टाउन प्लानर मिथिलेश कुमार सिन्हा, अनुभवी आर्किटेक्ट मयूख विर्णवे भी शामिल हुए. उन्होंने तकनीकी स्लाइड्स के माध्यम से बताया कि किस प्रकार शहर के विभिन्न इलाकों और क्रॉसिंग को जाम मुक्त किया जा सकता है. साथ ही मास्टर प्लान के कई जरूरी आयामों के साथ ट्रैफिक सुधार की महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने उपस्थित लोगों के साथ साझा किया.
पूर्व चेंबर अध्यक्ष ने किया कार्यक्रम का समन्वय
इस बैठक का समन्वय शहर के उद्यमी, पूर्व चेंबर अध्यक्ष और इस अभियान के संरक्षक विकास सिंह ने किया. इस कार्यक्रम में रांची शहर के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 50 लोग मौजूद थे, जिन्होंने इस अभियान को अपना समर्थन दिया है. इनमें अतुल गेरा, मिलन कुमार सिन्हा, शक्ति बाजपेयी, कैप्टन देव आशीष, रेणुका तिवारी, मनीष श्रीमाली, निक्की शर्मा, राजेश शर्मा, अजित साहू, अजय सिंह, सैयद खालिद, प्रमोद वर्मा,अमृतेश पाठक, रितेश कुमार, सुब्रतो दास, अभिजीत भट्टाचार्य, गौरव श्रीवास्तव, संतोष कुमार, अमीषा आनंद आदि मौजूद थे.
लोकल ट्रेनें चलाने और सेंट्रलाइज्ड पार्किंग बनाने का सुझाव
सरकार की नीतियां पीपुल ओरिएंटेड हो न कि ऑटोमोबाइल ओरिएंटेड
शॉर्ट टर्म और लांग टर्म मोबिलिटी प्लान बनाया जाये
मोबिलिटी ट्रांजिट ओरिएंटेड हो, सेफ, ग्रीन अफोर्डेबल और कंफर्टेबल हो
शहर में ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए लोकल ट्रेंनें भी चलायी जानी चाहिए
भविष्य में लोकल ट्रेनों का विस्तार रांची से टाटीसिलवे, मेसरा, लोहरदगा और कोडरमा तक किया जाये
आइएसबीटी के बजाये मिनी आइएसबीटी बने, जो भविष्य के उप नगरों को जोड़े
सेंट्रलाइज्ड पार्किंग प्रणाली विकसित हो, जहां से बैटरी ऑपरेटेड शटल शहर में प्रवेश करे
सेंट्रल ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित
हो, जो जनता से जुड़ा हुआ हो
सरकारी जमीन पर बने नयी सड़कें
ईस्ट जेल रोड से लाइन टैंक रोड तक
गेतलातु से लालगंज होते हुए नामकुम तक
नामकुम फ्लाई ओवर से खेलगांव व एक ब्रांच रोड इंडिकॉम वेस्टफालिया तक
श्रद्धानंद रोड के सामने से दुर्गाबाड़ी रोड तक
करमटोली से नामकुम तक
आदिवासी छात्रावास के बगल से नगड़ा टोली होते हुए न्यूक्लियस मॉल तक
कचहरी से डिप्टी पाड़ा पुराने परिसदन के बगल से
जयपाल सिंह स्टेडियम के बगल से एसबीआइ मेन ब्रांच तक.
खत्म हुआ इम्तिहान, अब हथेली पर जान
रांची में रविवार को इंडियन रिजर्व बटािलयन (आरआइबी) की तीसरे चरण की परीक्षा आयोजित की गयी थी. पड़ोसी जिलों और राज्याें से हजारों परीक्षार्थी इसमें शामिल होने पहुंचे थे. परीक्षा खत्म होने के बाद शाम को बड़ी संख्या में युवा रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.
ट्रेनों में जगह पाने के लिए कई युवा प्लेटफॉर्म के बजाय दूसरी तरफ से ट्रेन में चढ़ रहे थे. जैसे ही कोई ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंचती, युवा जान हथेली पर लेकर रेलवे लाइन पर छलांग लगाकर दूसरी ओर पहुंच जाते. देखने में यह काफी खतरनाक लग रहा था, लेकिन घर पहुंचने की जल्दी और ट्रेन में जगह पाने की होड़ के सामने यह खतरा युवाओं को काफी छोटा नजर आ रहा था.

Next Article

Exit mobile version