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भूमिहीनों को खेती के लिए 5 एकड़ घर के लिए, 12.5 डिसमिल भूमि देगी झारखंड सरकार

ग्रामीण क्षेत्रों में की जायेगी जमीन की बंदोबस्ती रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के भूमिहीनों (सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहनेवालों को भी) को गांव में खेती के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. आवास के लिए 12.5 डिसमिल जमीन देने का निर्णय लिया है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में […]

ग्रामीण क्षेत्रों में की जायेगी जमीन की बंदोबस्ती
रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के भूमिहीनों (सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहनेवालों को भी) को गांव में खेती के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. आवास के लिए 12.5 डिसमिल जमीन देने का निर्णय लिया है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी. शहीद सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों व पुलिसकर्मियों के परिजनों को भी जीवन यापन के लिए गांवों में पांच एकड़ जमीन दी जायेगी.1947 में विभाजन के बाद आये भूमिहीन शरणार्थियों को शहर में घर के लिए 12.5 डिसमिल जमीन दी जायेगी.
भूमिहीनों को दी जानेवाली जमीन का हस्तांतरण उत्तराधिकारी को छोड़ अन्य किसी के नाम पर नहीं किया जा सकेगा. कैबिनेट के इस निर्णय का लाभ लगभग एक लाख परिवारों को मिलेगा.
करीब दो लाख एकड़ सरकारी भूमि की बंदोबस्ती की जायेगी.33,000 गांवों में 6.48 लाख एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा : कैबिनेट की बैठक के बाद भू-राजस्व विभाग के सचिव केके सोन ने बताया : राज्य के 33,000 गांवों में सर्वे के बाद 6.48 लाख एकड़ सरकारी जमीन पर अनियमित तरीके से लोगों के बसे होने की जानकारी मिली है. इन पर कुल 2.10 लाख परिवार बसे हैं.
इन सभी परिवारों को पूर्व में नोटिस दिया जा चुका था. अब सरकार ने भूमिहीनों को पांच एकड़ जमीन खेती के लिए और 12.5 डिसमिल जमीन आवासीय इस्तेमाल के लिए देने का निर्णय लिया है. 1985 के पूर्व से सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बसे लोगों के लिए भी इसी नियम के तहत नियमितिकरण की व्यवस्था की जायेगी. अधिक जमीन पर कब्जा रखनेवालों को भी पांच एकड़ तक ही जमीन बंदोबस्ती की जायेगी.
कब्जा की गयी शेष भूमि पर सरकार बाद में निर्णय लेगी. भूमिहीनों और शहीदों के परिजनों को सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही जमीन की बंदोबस्ती की जायेगी. शहरी इलाके में सरकारी भूमि पर कब्जेधारियों का नियमितिकरण नहीं किया जायेगा.
जंगल, झाड़ी, पहाड़ नहीं होगी बंदोबस्ती
गोचर, वनभूमि, श्मशान, हरगड़ी, कब्रिस्तान, सरना स्थल, मसना स्थल, नदी-नाला, पहाड़, आम रास्ता की बंदोबस्ती नहीं की जायेगी. इन्हें नियमित भी नहीं किया जायेगा. सरकारी संस्थानों व एनएच, एसएच व मुख्य मार्गों के दोनों तरफ 150 मीटर के अंदर की जमीन की भी बंदोबस्ती नहीं होगी. सरकारी सेवा में रहनेवाले या आयकर दाता भूमिहीन को भी जमीन की बंदोबस्ती नहीं की जायेगी.
स्टार्टअप पॉलिसी : किया गया संशोधन
सूचना क्रांति को प्रोत्साहित करने के लिए नीति आयोग की ओर से निर्धारित मापदंडों पर राज्यों की रैंकिंग होनी है. इसके आलोक में कैबिनेट ने नीति आयोग के निर्देश पर झारखंड स्टार्टअप नीति 2016 के कई प्रावधानों में संशोधन और समायोजन पर सहमति दे दी.
इसके तहत स्टाइपेंड की राशि 5,000 से बढ़ा कर 8,500 रुपये कर दी गयी है. साथ ही एसटी, एससी, ओबीसी या महिला को स्टार्टअप शुरू करने में पांच फीसदी अतिरिक्त स्टाइपेंड प्रदान की जायेगी. आंत्रप्रेन्योर डेवलपमेंट फंड की 30 फीसदी राशि से झारखंड एंजेल फंड का गठन किया जायेगा. नीति में संशोधन से कई अन्य लाभ भी प्रदान किये जायेंगे.
होल्डिंग का सेल्फ असेसमेंट तिथि 31 मार्च तक बढ़ी
होल्डिंग टैक्स के सेल्फ असेसमेंट की तिथि 31 मार्च तक बढ़ाने का फैसला लिया गया. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बताया , सेल्फ असेसमेंट की तिथि पूर्ण होने के बाद वसूला गया दंड बाद में एडजेस्ट कर लिया जायेगा. लगभग दो लाख मकानों का असेसमेंट नहीं होने की वजह से तय तिथि में परिवर्तन का निर्णय लिया गया है.

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