न्यूक्लियस मॉल ने सेल्फ असेस्मेंट में बचा लिये थे 23 लाख रुपये होल्डिंग टैक्स, नगर निगम ने लगाया 46 लाख का जुर्माना

रांची : पैसे वाले लोग अपने हिसाब से नियम और कानून को परिभाषित करने की कोशिश करते हैं. यदि इसकी छूट मिल जाये, तो फिर वे इसका किस कदर दुरुपयोग कर सकते हैं, इसका ताजा उदाहरण रांची में स्थित न्यूक्लियस मॉल समेत 36 प्रतिष्ठान हैं. इनमें से कुछ ने हजारों में, तो कुछ ने लाखों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2017 11:58 AM

रांची : पैसे वाले लोग अपने हिसाब से नियम और कानून को परिभाषित करने की कोशिश करते हैं. यदि इसकी छूट मिल जाये, तो फिर वे इसका किस कदर दुरुपयोग कर सकते हैं, इसका ताजा उदाहरण रांची में स्थित न्यूक्लियस मॉल समेत 36 प्रतिष्ठान हैं. इनमें से कुछ ने हजारों में, तो कुछ ने लाखों में होल्डिंग टैक्स बचाये थे. निगम का दावा है कि उसने थर्ड पार्टी असेसमेंट कराया,तो प्रतिष्ठानों द्वारा दी गयी जानकारी गलत निकली. गलत जानकारी देकर संस्थानों ने जितने टैक्स बचाये थे, निगम ने उसका दोगुना जुर्माना ठोंक दिया. हालांकि, जिन भवनों पर जुर्माना लगाया गया है, उनका कहना है कि निगम ने जो पैमाना तय किया था, उसी हिसाब से बिल्डिंग का क्षेत्रफल तय किया गया था. अब निगम उसे गलत तरीके से परिभाषित कर लोगों को दोषी बता रहा है और जुर्माना लगा रहा है.

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दरअसल, नगर निगम ने रांची के लोगों को छूट दी थी कि वे अपने घरों का सेल्फ असेसमेंट करके होल्डिंग टैक्सदें. इसमें कहा गया कि घर का मालिक भवनका क्षेत्रफल तय कर उसी आधार पर होल्डिंग टैक्स जमा करवायें. लेकिन, कुछ संस्थानों ने निगम को चूना लगाने के लिए गलत जानकारी दी और होल्डिंग टैक्स बचा लिये. एमजी रोड स्थित जीईएल चर्च कॉम्प्लेक्स, सर्कुलर रोड स्थित न्यूक्लियस मॉल, गुरु नानक हॉस्पिटल, होटल कैपिटोल हिल, प्रधान पैलेस, संत जेवियर स्कूल कॉलेज, निर्मला कॉलेज सहित कुल 35 लोगों ने अपनी बिल्डिंग का क्षेत्रफल कम बताया.

थर्ड पार्टी असेस्मेंट हुआ, तो गड़बड़ी सामने आयी और न्यूक्लियस मॉल के डेवलपर विष्णु अग्रवाल पर सबसे अधिक 46.21 लाख रुपये और रोशन लाल भाटिया पर 7.59 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. नगर आयुक्त ने बताया कि थर्ड पार्टी असेस्मेंट में जिन लोगों की जानकारी गलत पायी गयी है, सब पर जुर्माना लगेगा. संबंधित लोगों को नोटिस भेज दिया गया है. बकाया टैक्स का भुगतान करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. नगर आयुक्त ने कहा है कि 7 दिन में पैसे जमा नहीं कराने वालों की बिल्डिंग को सील कर दिया जायेगा.

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उन्होंने बताया कि पहले चरण में 20 हजार वर्गफुट से अधिक क्षेत्रफल वाली बिल्डिंग की मापी च्वाइस कंसल्टेंसी सर्विस से करायी जा रही है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है. कुल 35 लोगों ने गलत जानकारी दी, जिन पर 1,01,16,420 रुपये टैक्स और जुर्माना लगाया गया है.

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