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लालू प्रसाद : कैदी नंबर 3351

चारा घोटाला. आरसी 64ए/96 में लालू प्रसाद समेत 16 दोषी करार, भेजे गये जेल रांची : चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 64ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा व डॉ आरके राणा सहित कुल 16 आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दोषी करार दिया है. पूर्व […]

चारा घोटाला. आरसी 64ए/96 में लालू प्रसाद समेत 16 दोषी करार, भेजे गये जेल

रांची : चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 64ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा व डॉ आरके राणा सहित कुल 16 आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दोषी करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, ध्रुव भगत व विद्यासागर निषाद सहित छह को कोर्ट ने बरी कर दिया है. अदालत ने दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तिथि निर्धारित की है. मामला देवघर कोषागार से हुई अवैध निकासी का है. कोर्ट का फैसला आने के बाद लालू प्रसाद सहित दोषी करार दिये गये सभी 16 लोगों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया. सभी को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया. लालू प्रसाद को होटवार जेल में कैदी नंबर 3351 मिला है.
कोर्ट में मौजूद थे सभी आरोपी : दोषी करार दिये गये आरोपियों में तीन राजनेता, पांच अधिकारी और आठ सप्लायर शामिल हैं. शनिवार को विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दूसरी पाली में दिन के करीब तीन बजे अदालत की कार्यवाही शुरू की. इससे पहले लालू प्रसाद सहित सभी आरोपी कोर्ट में पहुंच चुके थे. न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने सबसे पहले सभी आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी. नाम पुकारे जाने के बाद लालू सहित सभी आरोपियों ने हाथ उठा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, ध्रुव भगत व विद्यासागर निषाद सहित छह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. वहीं, लालू प्रसाद सहित 16 को दोषी करार दिया.
लालू प्रसाद : कैदी…
एक अन्य मामले में हो चुकी है पांच साल की सजा : चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 20ए/96 में तीन अक्तूबर 2013 को सीबीआइ की अदालत ने लालू प्रसाद को पांच साल की सजा सुनायी थी. लालू के अलावा जगन्नाथ मिश्र सहित कुल 34 आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनायी गयी थी़ इस फैसले के िखलाफ लालू प्रसाद ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. फिलहाल वह जमानत पर हैं.
अब कोई ‘चारा’ नहीं
तीन जनवरी को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई
21 साल बाद
सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला
इन धाराओं में दोषी करार दिये गये
इन्हें आइपीसी की धारा 120 बी, 201, 409, 418, 420, 468, 477 ए, 511 और पीसी एक्ट की धारा 13 (1) (डी) सहपठित धारा 13 (2)
अब तक
कुल 48 मामलों
का फैसला आया
झारखंड में कुल 53
मामले चल रहे हैं
बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र सहित 06 बरी
कोर्ट ने इन्हें पाया दोषी
03 राजनेता : पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व विधायक आरके राणा
05 अधिकारी : पूर्व पशुपालन सचिव बेक जूलियस व महेश प्रसाद, पूर्व विकास आयुक्त फूलचंद सिंह, पूर्व पशुपालन अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार, पूर्व ट्रेजरी अफसर सुबीर भट्टाचार्य
08 सप्लायर : त्रिपुरारि मोहन प्रसाद, राजा राम जोशी, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील गांधी, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, गोपी
नाथ दास
ये किये गये बरी
03 राजनेता : पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व पीएसी अध्यक्ष ध्रुव भगत, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद
01 अधिकारी : पूर्व आयकर आयुक्त अधिप चंद्र चौधरी
02 सप्लायर : साधन सिंह वसरस्वती चंद्रा
कांड संख्या आरसी 64ए/96
घोटाला : 89 लाख आठ हजार 140 रुपये
ट्रेजरी : देवघर
सीबीआइ में प्राथमिकी : 15 मई 1996
आरोप पत्र दायर : 28 मई 2004
आरोप गठन : 26 सितंबर 2005
सीबीआइ अधिकारी : एके झा
सीबीआइ स्पेशल पीपी : राकेश प्रसाद
सीबीआइ के गवाह : 160 (प्रमुख गवाह सुखदेव सिंह, पूर्व गवर्नर डीएन सहाय)
बचाव पक्ष के गवाह : 16
क्या है मामला
मामला देवघर ट्रेजरी से 89 लाख की फर्जी निकासी से संबंधित है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पशु चारा, दवा आदि के नाम पर निकासी की थी. इसके लिए फर्जी आवंटन आदेश का इस्तेमाल किया. जांच से बचने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में 10 हजार रुपये से कम का बिल ट्रेजरी में पेश किया. इस मामले में 1994 में तत्कालीन उपायुक्त सुखदेव सिंह ने विस्तृत जांच के लिए सरकार को पत्र लिखा था. इसके 15 दिनों के अंदर उनका ही तबादला कर दिया गया था. यह एक ऐसा मामला है, जिसमें पुलिस थाने में प्राथमिकी नहीं दर्ज की गयी थी. घटना को देखते हुए सीधे सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआइ ने जांच के बाद वर्ष 1991-94 तक की अवधि में फर्जी आवंटन पत्रों और कागजी आपूर्ति के सहारे 89 लाख रुपये की निकासी करने के आरोप में कुल 38 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
38 आरोपी थे कुल
11 की सुनवाई के दौरान मौत : शेषमुनी राम, श्याम बिहारी सिन्हा, चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, रामराज राम, ओपी गुप्ता, विनय कुमार, के अरुमुगम, महेंद्र प्रसाद, राजो सिंह, ब्रजभूषण प्रसाद और भोला राम तूफानी
03 सरकारी गवाह बन गये : आरके दास, शिव कुमार पटवारी, शैलेश प्रसाद
02 ने अपराध स्वीकारा : सुशील झा, प्रमोद जायसवाल
22 लोगों ने ट्रायल फेस किया : इनमें छह राजनेता, तीन आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, एक पशुपालन अधिकारी, एक ट्रेजरी अफसर और 10 सप्लायर
सुशील मोदी व नीतीश पर कार्रवाई क्यों नहीं होती
सृजन घोटाले में सुशील मोदी, रेखा मोदी के खिलाफ आरोप लगाया है. नीतीश कुमार पर भी आरोप है. इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है? हमलोगों को भाजपा की गंदी राजनीति को समझना होगा. लड़ाई लड़नी होगी. भाजपा तानाशाही रवैया अपना रही है.
तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम
हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे
जगन्नाथ मिश्रा को बेल और लालू को जेल. यह नाइंसाफी है. जो हुआ है, सब नरेंद्र मोदी का खेल है. हमलोग निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.
रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद

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