प्रज्ञा केंद्रों को स्टार्टअप वेंचर के रूप में विकसित करेगी सरकार

मुख्य सचिव ने 26 को बुलायी समीक्षा बैठक रांची : राज्य सरकार ने प्रज्ञा केंद्रों को स्टार्ट अप वेंचर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. सरकार की नयी स्टार्ट अप नीति के तहत नयी सोच, विचारधारा के साथ आइटी के क्षेत्र में आगे बढ़नेवालों को सहायता दी जायेगी. राज्य सरकार ने ग्रामीण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2017 8:29 AM
मुख्य सचिव ने 26 को बुलायी समीक्षा बैठक
रांची : राज्य सरकार ने प्रज्ञा केंद्रों को स्टार्ट अप वेंचर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. सरकार की नयी स्टार्ट अप नीति के तहत नयी सोच, विचारधारा के साथ आइटी के क्षेत्र में आगे बढ़नेवालों को सहायता दी जायेगी. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्ट अप की संभावनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया है. इसको लेकर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने 26 दिसंबर को सभी अधिकारियों की बैठक बुलायी है.
राज्य में 14 हजार से अधिक प्रज्ञा केंद्र हैं. इनमें से 3500 पंचायत भवनों में चल रहे हैं, जबकि 10 हजार से अधिक शहरों और कस्बाई इलाकों में संचालित हो रहे हैं. सरकार की ओर से अगले माह में स्टार्ट अप नीति के तहत ग्रामीण स्तरीय उद्यमियों (विलेज लेवल इंटरप्रेनुअरशिप) का सम्मेलन बुलाया गया है. इसमें बेहतर प्रज्ञा केंद्रों और स्टार्ट अप के तहत आवेदन देनेवालों को सम्मानित किया जायेगा.
सरकार का मानना है कि ग्रामीण व्यापार को प्राद्योगिकी से जोड़ने की जरूरत है. इसके लिए सूचना तकनीक और सूचना तकनीक से जुड़ी कई सेवाएं प्रज्ञा केंद्रों के मार्फत आम लोगों तक पहुंचायी जा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में ई-काॅमर्स और मोबाइल नेटवर्किंग के विस्तार को लेकर महिलाओं को भी आगे किया जा रहा है. इनोवेटिव आइडिया को धरातल पर उतारने में सरकार स्टार्ट अप कार्यक्रम के जरिये महिलाओं को और सशक्त करेगी. प्रत्येक पंचायतों में बीएसएनएल के भारतनेट के तहत इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. ग्रामीण रोजगार को इंटरनेट से जोड़ने की भी तैयारी की गयी है. महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगों के लिए झारखंड सरकार ने स्टार्ट अप नीति में विशेष प्रावधान भी किये हैं.

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