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महेश पोद्दार व सीपी सिंह ने उठाये सवाल कहा, एसोटेक के किफायती आवास विज्ञापन में झारखंड सरकार का लोगो और PM व CM की तस्वीर क्यों ?

रांची : एसोटेक के बोड़ेया-मोरहाबादी रोड में अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 25 दिसंबर को हुए भूमि पूजन सह शिलान्यास समारोह को लेकर विवाद हो गया है. कंपनी ने शिलान्यास समारोह से एक दिन पहले सभी अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया था. इस विज्ञापन में झारखंड सरकार का लोगो लगाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री […]

रांची : एसोटेक के बोड़ेया-मोरहाबादी रोड में अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 25 दिसंबर को हुए भूमि पूजन सह शिलान्यास समारोह को लेकर विवाद हो गया है. कंपनी ने शिलान्यास समारोह से एक दिन पहले सभी अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया था. इस विज्ञापन में झारखंड सरकार का लोगो लगाया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह की तसवीर भी लगायी थी.
विज्ञापन में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह के कार्यक्रम में शामिल होने की बात भी लिखी गयी थी. हालांकि ये तीनों कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे.
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने इस विज्ञापन पर सवाल उठाया है. दोनों ने नगर विकास विभाग से पूछा है कि कंपनी की ओर से दिये गये विज्ञापन में झारखंड सरकार का लोगो और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कैसे किया गया. महेश पोद्दार ने नगर विकास विभाग को भेजे पत्र में कहा है कि कंपनी को नोटिस जारी कर पूछा जाये कि उसने झारखंड सरकार का लोगो और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल क्यों किया गया. इससे सरकारी प्रोजेक्ट होने का आभास होता है. उन्होंने विभाग से पूछा है कि क्या यह सरकारी कार्यक्रम था. विभाग के अधिकारी इस बाबत कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
कोई उपस्थित नहीं हुआ : सांसद महेश पोद्दार ने अपने पत्र में कहा है कि विज्ञापन में उनका नाम कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर प्रकाशित हुआ, जबकि वह आमंत्रित तक नहीं थे. हैरानी की बात है कि इसमें अतिथि के तौर पर नगर विकास विभाग के मंत्री और प्रधान सचिव के अलावा स्थानीय सांसद का नाम भी प्रकाशित हुआ, जबकि समाचार पत्रों के अनुसार इनमें कोई उपस्थित नहीं हुआ.रेट पर भी सवाल : महेश पोद्दार ने कंपनी की ओर से किफायती आवास के लिए जारी रेट पर भी सवाल उठाया है.
अपने पत्र में लिखा है कि अखबारों में छपी खबर के अनुसार 323 वर्गफीट के एक कमरे के फ्लैट की कीमत कंपनी ने 12.97 लाख रुपये तय की है. अगर यह सही है, तो प्रति वर्गफीट चार हजार रुपये की दर किस तरह से आवास देना किस तरह किफायती है. यह बात विभाग को स्पष्ट करना चाहिए. यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्रोजेक्ट में प्रयुक्त जमीन का मालिकाना हक वैध है अथवा नहीं. उन्होंने कहा है कि पूर्व में संजीवनी घोटाले के कारण हजारों नागरिकों को अपनी गाढ़ी कमायी से वंचित होना पड़ा. उनका मकान का सपना अधूरा रह गया. एेसे में सरकार की बदनामी न हो, यह सुनिश्चित करना विभाग का कर्तव्य है. पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री और नगर विकास विभाग को भी भेजी गयी है.
सांसद महेश पोद्दार व मंत्री सीपी सिंह ने उठाये सवाल
500 करोड़ के निवेश के लिए किया है एमओयू
एसोटेक हिल्स ने मोमेंटम झारखंड के दौरान 17 फरवरी को एसोटेक सनग्रोथ के नाम से नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ 500 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया था. इसके तहत कंपनी किफायती दर पर आवास निर्माण कर उपलब्ध करायेगी.
क्या कहते हैं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कार्यक्रम सरकारी नहीं था. पर कंपनी ने झारखंड सरकार के साथ निवेश के लिए एमओयू किया है. इसी के तहत किफायती दर पर आवास उपलब्ध कराया जाना है. हालांकि अपनी अनुपस्थिति के बाबत उन्होंने कहा कि वह व्यस्त थे. पर सरकारी लोगो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने फोन काट दिया.

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