रांची : होटवार जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का दरबार रोज सजता है. ‘जी हां’ खबर पक्की है. होटवार जेल में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का दरबार लग रहा है. अपर डिवीजन सेल में लालू प्रसाद के साथ पूर्व सांसद आरके राणा, जगदीश शर्मा, सावना लकड़ा, राजा पीटर, कमल किशोर भगत आदि राजनेता बंद है.
जेल सूत्रों के अनुसार, दिन भर लालू प्रसाद का दरबार वहां लगा रहता है. अखबार पढ़ने के बाद खबरों पर चर्चा होती है़ सभी नेता अपना-अपना विचार रखते है. इस दौरान झारखंड व बिहार की राजनीति पर मंत्रणा की जाती है. चूंकि अपर डिवीजन सेल का मेस उसी में है, इसलिए चाय-नाश्ता का दौर भी चलता रहता है. बातचीत के बाद सभी थोड़ा देर आराम करते हैं. फिर शाम में सभी एक ही सेल में कुर्सी लगा कर टीवी देखते हैं. लालू प्रसाद झारखंड में आजसू व अन्य पार्टियों के बारे में जानकारी लेते रहते है.
लालू के लिए आया संकट मोचन मंदिर का प्रसाद
चारा घोटाला के आरोप में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पास अनिल सिंह आजाद ने उनका पसंदीदा स्वीट कॉर्न, हरा चना, पालक, भतुआ, मेथी साग, भंटा (गोल वाला बैगन), धनिया पत्ता व हरी मिर्च जेल के अंदर भिजवाया. जबकि लालू प्रसाद के बिहार स्थित आवास से उनके लिए बासमती अरवा चावल, अरहर दाल, सेव व संकट मोचन मंदिर का प्रसाद आया है. अनिल सिंह आजाद ने बताया कि जब तक लालू जी जेल में रहेंगे, वह हमेशा उनके लिए ताजी सब्जी भिजवाते रहेंगे. वह हमारे लिए सबसे बड़े नेता हैं और हमारे मेहमान है. अतिथि देवो भवो की तर्ज पर हम उनकी सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लालू यादव को बैंगन का भर्ता काफी पसंद है. हर प्रकार की साग भी वे बड़े चाव से खाते हैं. इसलिए पालक, भतुआ व मेथी का साग उन्हें भिजवाया गया है़ वह तीनों समय के भोजन में साग अवश्य खाते हैं.
साजिश है एक सप्ताह में तीन लोगों के मिलने का नियम लागू करना : लालू से मिलने के लिए बुधवार को दरभंगा के बहादुरपुर विधायक भोला यादव, बिहार के एमएलसी रण विजय सिंह होटवार जेल पहुंचे थे. जेल मैनुअल के अनुसार वे लोग आज भी लालू से नहीं मिल सके और बिना मिले लौट गये. भोला यादव ने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत जन-जन के नेता को एक सप्ताह में तीन लोगों को ही मिलने दे रही है़ वर्ष 2013 में जब लालू जेल में थे, तो उस समय लालू से मिलने में कोई परेशानी नहीं थी. उस समय जेल मैनुअल दूसरा था और अभी जेल मैनुअल दूसरा हो गया. यह सरकार की सोची-समझी साजिश है.