रांची : एडवा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में तीन तलाक को अमान्य और असंवैधानिक घोषित किया था, जिसके बाद सरकार नया कानून बनाने जा रही है. सरकार ने संसद में बिल पेश कर दिया है. अब बिल का विरोध भी शुरू हो गया है. एडवा का कहना है कि सरकार कानून बनाने में जल्दबाजी कर रही है. यदि तीन तलाक देने वाले पति को सजा दी जायेगी,
तो सुलह के सभी रास्ते बंद हो जायेंगे. बिल के सारे डिटेल अभी नहीं आये हैं लेकिन मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर एेसा लगता है कि इसमें थोड़ी जल्दबाजी हो रही है. कारण ये है कि जब भी कोई नया कानून बनता है, तो उससे प्रभावित होने वाले जो लोग हैं उन्हें मौका दिया जाता है कि वे अपनी राय दें. एडवा की राज्य अध्यक्ष गीता झा व जिला सचिव वीणा लिंडा ने कहा कि तीन तलाक खत्म हो रहा है, यह अच्छी बात है. इसकी हम मांग सालों से कर रहे हैं.
मुस्लिम महिलाएं इसके खिलाफ कोर्ट तक गयी, लेकिन उनकी इच्छा क्या है यह जानना जरूरी है. हम चाहते हैं उनकी शादी बचे, उनका रिश्ता बचे, घर बचे, जल्दबाजी में तैश में आकर इस तरह का फैसला न हो. देखा गया है कि इस तरह का कानून आता है तो सजा होगी, जेल जा सकते हैं आदि का डर है. इससे बातचीत और सुलह का रास्ता बिल्कुल बंद हो जायेगा. ये उन औरतों की मदद नहीं होगी. बेहतर होगा कि बिल को स्टैडिंग कमेटी के पास भेजा जाये और लोगों को मौका दिया जाये कि वे अपनी राय दें.