जलछाजन में सुधार के लिए नीरांचल योजना

202 करोड़ की यह योजना विश्व संपोषित है, छह वर्षों के लिए हो रही है शुरू वैज्ञानिक पद्धति के क्रियान्वयन में भी बल मिलेगा मनोज लाल रांची : राज्य की जलछाजन परियोजनाओं में सुधार के लिए नीरांचल योजना शुरू की जा रही है. जलछाजन परियोजनाअों के बेहतर निर्माण, क्रियान्वयन व अनुश्रवण की दिशा में नीलांचल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2018 9:05 AM
202 करोड़ की यह योजना विश्व संपोषित है, छह वर्षों के लिए हो रही है शुरू
वैज्ञानिक पद्धति के क्रियान्वयन में भी बल मिलेगा
मनोज लाल
रांची : राज्य की जलछाजन परियोजनाओं में सुधार के लिए नीरांचल योजना शुरू की जा रही है. जलछाजन परियोजनाअों के बेहतर निर्माण, क्रियान्वयन व अनुश्रवण की दिशा में नीलांचल योजना से सहयोग मिलेगा. नीरांचल के माध्यम से जलछाजन परियोजनाओं के स्थल चयन से लेकर वैज्ञानिक पद्धति के क्रियान्वयन में भी बल मिलेगा. यानी जल छाजन परियोजनाअों को कारगर बनाने के लिए ही नीरांचल की शुरुआत की जानी है. वर्षा आश्रित कृषि क्षेत्रों के लिए ही यह योजना शुरू की जा रही है. यह योजना विश्व बैंक संपोषित है.
अभी यह योजना छह साल के लिए क्रियान्वित होने जा रही है. कुल 202 करोड़ की योजना होगी. इसमें 121.23 करोड़ रुपये विश्व बैंक देगा व 80.82 करोड़ रुपये केंद्र व राज्य सरकार लगायेगी. केंद्र व राज्य क्रमश: 60 व 40 फीसदी के अनुपात में राशि का वहन करेगी. फिलहाल राज्य के नौ जिलों में यह योजना लागू होनी है.
नीरांचल योजना से क्या लाभ होगा
पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सभी हितधारकों के लिए प्रशिक्षण की जरूरत का आकलन, क्षमता निर्माण की रणनीति, प्रशिक्षण सामग्री की तैयारी, संसाधन व्यक्तियों का प्रशिक्षण व प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण को पूरा करने की दिशा में वित्तीय व भौतिक सहयोग मिलेगा मरेगा, जेएसएलपीएस, आरकेवीआइ, एनआरएलएम, जेटीइएलपी आदि के साथ बेहतर कन्वर्जेंस में सहयोग मिलेगा खेती में बेहतर जल प्रबंधन व जल स्त्रोतों के बेहतर प्रबंधन में नीरांचल योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी रेन वाटर प्रबंधन किया जायेगा, ताकि सालों भर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो सके कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए संस्थागत संरचनाअों के सुदृढ़ीकरण, तकनीकी सहयोग, बेहतर संस्थागत संरचना व गुणवत्तापूर्ण अनुश्रवण किया जायेगा
अलग-अलग कोषांग का गठन होगा
नीरांचल योजना के लिए अलग-अलग कोषांग का गठन किया जायेगा. राज्य व जिला स्तरीय कोषांग के माध्यम से इसका काम होगा. राज्य स्तरीय कोषांग में एक सीइअो व कोऑर्डिनेटर का पद होगा. इसके अलावा कई विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी रखे जायेंगे. इसके लिए कुल 24 पद होंगे.
जिला स्तरीय कोषांग में कोऑर्डिनेटर के साथ ही कुल छह पद होंगे. इनकी नियुक्ति झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के द्वारा की जायेगी. मिशन के माध्यम से ही योजना का क्रियान्वयन कराया जायेगा.

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