झारखंड: 339 खदानों के नये चालान पर लगी रोक, पेनाल्टी नहीं देने पर सरकार ने उठाया कदम

रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत आठ कंपनियों ने पार्ट पेमेंट किया है. राज्य सरकार ने एक जनवरी से 339 खदानों के लिए नया चालान निर्गत करना बंद कर दिया है. खान विभाग ने सभी जिला खनन पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि पेनाल्टी लगाये जाने के बाद किसी भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2018 7:26 AM
रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत आठ कंपनियों ने पार्ट पेमेंट किया है. राज्य सरकार ने एक जनवरी से 339 खदानों के लिए नया चालान निर्गत करना बंद कर दिया है. खान विभाग ने सभी जिला खनन पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि पेनाल्टी लगाये जाने के बाद किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करनेवाली खदानों को चालान निर्गत नहीं किया जाये.
चालान निर्गत नहीं होने से कंपनियां खनन कर भी लेती हैं, तो निकाले गये खनिजों की ढुलाई नहीं कर सकेंगी. इस बीच खान विभाग इस बात पर भी विचार कर रहा है कि पेनाल्टी जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया जाये, ताकि कंपनियों को कुछ और समय मिल सके. खान आयुक्त अबु बकर सिद्दीक ने इस मुद्दे पर सोमवार को विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की. कहा गया कि 17 जनवरी को सुनवाई है, इसी दौरान राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है.
बाजार में नहीं जा पायेंगे खनिज
एक जिला खनन पदाधिकारी ने बताया, सरकार के आदेश के बाद एक जनवरी से नया चालान निर्गत नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कंपनियां यदि उत्खनन करती भी हैं, तो उनके खनिज बाजार में नहीं जा सकते. यह अवैध हो जायेगा.
नियमानुसार ऐसे खनिजों को जब्त कर लिया जायेगा. हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, लातेहार, गोड्डा, दुमका, चाईबासा, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां समेत अन्य खनन जिलों में नया चालान निर्गत नहीं किया गया है. यानी यहां की सारी खदानों में या तो उत्पादन नहीं हो रहे हैं, हो भी रहे हैं, तो खनिजों का डिस्पैच बंद हो गया है. एक जनवरी को इन खदानों में काम करनेवाले मजदूरों पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. पर बताया जा रहा है कि एक से दो सप्ताह बाद करीब 17 लाख मजदूरों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है.
कोर्ट जायेंगी कंपनियां : सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एक बार फिर से कई कंपनियां सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं. कंपनियां राज्य सरकारों से भी आग्रह करेंगी कि सरकारें अपने स्तर से कोर्ट से आग्रह करें कि भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ायी जाये.
कॉमन कॉज. आठ कंपनियों ने पार्ट पेमेंट किया
सुप्रीम कोर्ट से तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर सकती है सरकार
झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत 347 खदानों पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगायी है. इनमें अब तक केवल 400 करोड़ रुपये ही जमा हो सके हैं. कंपनियां ये 400 करोड़ रुपये भी पार्ट भुगतान के रूप में की हैं. यानी जितनी राशि की पेनाल्टी लगायी गयी है, उनमें कुछ रकम ही भुगतान के रूप में जमा करायी हैं.
इस आधार पर सरकार से राहत की मांग की हैं. कंपनियां सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर राहत लेने की योजना में भी हैं. बड़ी कंपनियों में टाटा स्टील, सेल, देवका भाई बेलजी व रुंगटा माइंस ने भुगतान किया है. 31 दिसंबर को कुछ अन्य कंपनियों ने भी पार्ट भुगतान किया है, जिसकी गणना की जा रही है. 30 दिसंबर तक 246 करोड़ का भुगतान हुआ था. हालांकि विभागीय सूत्रों ने बताया कि 31 दिसंबर तक जितनी राशि का भुगतान हुआ है, उसे छोड़ कर शेष पर 24 प्रतिशत की दर से ब्याज जोड़ा जायेगा.
इन कंपनियों ने जमा की
है राशि (30 दिसंबर तक)
कंपनी या खदान राशि (करोड़ में)
नोवामुंडी आयरन ओर
माइंस टाटा स्टील 56.96
देवका भाई बेलजी 29.78
अनिल खीरवाल 2.08
घाटकुरी आयरन ओर माइंस 92.84
मेरालगढ़ा, बराबालजोरी
आयरन एंड मैंगनीज माइंस 20.08
रुंगटा माइंस 0.41
विजय कुमार ओझा 0.33
सेल 60.0
नोट : सभी ने पार्ट भुगतान किया है. यानी जितनी की पेनाल्टी लगायी गयी है, उसका कुछ हिस्सा ही चुकाया है
नोटिस भेजने का िदया निर्देश
इसी मामले में ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले में एस्सेल माइनिंग, कॉर्प रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल इंटरप्राइजेज, ओएमएंडएम प्राइवेट लिमिटेड की खदानों को बंद करने का आदेश दे दिया गया है. बताया गया कि झारखंड में भी सभी जिला खनन पदाधिकारियों को खदान संचालकों को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया है. पेनाल्टी नहीं देनेवाले खदानों को बंद करने के आदेश से संबंधित नोटिस भेजने को कहा गया है.

Next Article

Exit mobile version