रांची : बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने नव वर्ष के पहले दिन विवि कर्मियों से आह्वान किया है कि बीएयू को देश के अग्रणी कृषि विवि की कतार में खड़ा करने के लिए अपनी कमर कसें. अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) विश्वविद्यालयों को किसी प्रकार का सहयोग व अनुदान उनके वैज्ञानिक योगदान पर आधारित रैंकिंग के अनुसार ही देगी. वह नये वर्ष के अवसर पर मुख्यालय में अवस्थित उद्यान में वर्ष 2018 की किसान डायरी का लोकार्पण करते हुए शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं अन्य कर्मियों को संबोधित कर रहे थे.
कुलपति ने कहा कि बीएयू आदिवासी बहुल पिछड़े क्षेत्र में स्थापित देश का पहला कृषि विवि है. इसलिए ग्रामीण परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए यहां के वैज्ञानिकों को विकसित क्षेत्रों के वैज्ञानिकों की तुलना में ज्यादा परिश्रम और योगदान करना होगा.
कुलपति ने कहा कि वर्ष 2017 उपलब्धियों से भरा रहा. वर्ष 1981 में बीएयू की स्थापना के बाद से पहली बार पांच नये कॉलेज खुले. सात नये कॉलेज के लिए शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों के पद स्वीकृत हुए तथा आकस्मिक कामगारों की मजदूरी के लिए पहली बार बजट स्वीकृत हुआ. साल 2018-19 में भी दो नये महाविद्यालय- रांची में कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय तथा चाईबासा में बागवानी महाविद्यालय खुलनेवाले हैं. जिनके लिए पद एवं बजट स्वीकृत हो चुके हैं.