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झारखंड : चालान जारी किया जाना बंद, कई खदानों में रुका काम, कुछ में जारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रभावित हो रहा है खनन कार्य रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत झारखंड में खदानों को चालान देना बंद कर दिया गया है. आदेशानुसार 31 दिसंबर तक पेनाल्टी न भुगतान करने वाले खदानों को एक जनवरी से उत्पादन बंद कर देना है. इसी आदेश के […]

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रभावित हो रहा है खनन कार्य
रांची : सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज आदेश के तहत झारखंड में खदानों को चालान देना बंद कर दिया गया है. आदेशानुसार 31 दिसंबर तक पेनाल्टी न भुगतान करने वाले खदानों को एक जनवरी से उत्पादन बंद कर देना है. इसी आदेश के तहत झारखंड सरकार ने 339 खदानों का चालान बंद कर दिया है. हालांकि क्षेत्र में ज्यादातर खदान चालू हैं.
हजारीबाग, चाईबासा में खदानें चालू हैं. हालांकि पूर्वी सिंहभूम में यूसिल को छोड़कर सारे खदानों से दो दिनों से उत्पादन बंद है. प्रभात खबर संवाददाताओं ने फील्ड में जाकर खदानों का जायजा लिया और वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
चार को होगी बैठक
खान सचिव सुनील बर्णवाल इस समय अवकाश परहैं. चार जनवरी को वह लौटेंगे. इसके बाद एक उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया जायेगा कि खदानों के मामलें में क्या किया जाये. हालांकि विभाग द्वारा सभी खदानों को नोटिस जारी कर पेनाल्टी राशि भुगतान करने का आदेश दिया गया है. एक जनवरी से चालान देना भी बंद कर दिया गया है.
कोर्ट जाने की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि कोयला कंपनियां कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. इनका कहना है कि यह आदेश आयरन ओर के संदर्भ में दिया गया है. फिर कोल ब्लॉक को नोटिस क्यों जारी किया गया है. ओड़िशा में केवल आयरन ओर कंपनियों को ही नोटिस जारी किया गया है. हालांकि विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि आदेश सभी खदानों को लेकर था. फिर भी चार जनवरी की बैठक में इस पर चर्चा होगी.
खान विभाग के सूत्रों ने बताया कि कई कंपनियों ने अपना एतराज विभाग से जता दिया है कि उनका असेसमेंट गलत कर पेनाल्टी लगायी गयी है. इस बाबत पूछे जाने पर खान आयुक्त अबु बकर सिद्दिकी ने कहा कि कुछ कंपनियों के एतराज आये हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपने हिसाब से भुगतान किया है. लगभग आठ कंपनियों द्वारा 397 करोड़ का भुगतान आया है. असेसमेंट में कुछ गड़बड़ी होगी, तो फिर से किया जायेगा.
बरकासयाल के खदानों में काम जारी
पेनाल्टी भुगतान नहीं करने के मामले के बाद राज्य सरकार द्वारा खदानों को नया चालान नहीं देने पर रोक के बाद दो जनवरी को बरकासयाल क्षेत्र के खदानों से कोयले का उत्पादन व डिस्पैच सामान्य दिनों की तरह जारी रहा. दो जिलों में स्थित बरकासयाल के खदानों से मंगलवार को लगभग 15 हजार टन कोयले का उत्पादन किया गया. साथ ही कोयले का डिस्पैच भी सौंदा बी साइडिंग व टिपला रेलवे साइडिंग को हुआ. उरीमारी, बिरसा, न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना समेत उरीमारी यूजी में मजदूर तीनों पालियों में उत्पादन कार्य में लगे रहे.
मजदूरों से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमलोगों को खदान बंद करने संबंधी प्रबंधन द्वारा कोई सूचना नहीं दी गयी है. अखबारों में इस बाबत जरूर पढ़ा है. उरीमारी ओसीपी से 4500, बिरसा व न्यू बिरसा से 8000, बरका-सयाल के सभी भूमिगत खदानों से 500, बलकुदरा व भुरकुंडा ओसीपी से 3000 टन कोयले का उत्पादन अमूमन होता है. इधर, क्षेत्रीय प्रबंधन ने बताया कि 30 दिसंबर को जिला खनन विभाग द्वारा इस बाबत एक पत्र आया था. मामले में कंपनी सामूहिक रूप से कोर्ट में अपनी बात रखेगी.
हजारीबाग में नौ में छह खदान खुले हुए हैं
हजारीबाग जिला खनन पदाधिकारी नीतेश गुप्ता ने कहा कि हजारीबाग जिले के नौ खनन क्षेत्र को बंद करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है. इनके खिलाफ पेनाल्टी भी लगायी गयी है. भुगतान के बाद ही खदान चालू कर सकते हैं. हालांकि इस आदेश के बावजूद खदानों से उत्खनन चालू है.
कानून की समीक्षा कर रहा एचसीएल
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) पर हर्जाना लगाया गया है. लेकिन एचसीएल ने खनन पदाधिकारी को लिखकर दिया है कि कानून की समीक्षा की जा रही है. इसके बाद ही किसी तरह का कोई फैसला लिया जा सकता है. यूसिल का संचालन भी रोका नहीं जा सकता है क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ उत्खनन है और स्ट्रैटेजिक माइनिंग के दायरे में आता है.
पश्चिम सिंहभूम में चालू है खदान
लौहांचल (पश्चिम सिंहभूम) स्थित सेल की किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, गुआ, चिड़िया के अलावा देवका बाई वेल्जी आदि खदानों में उत्पादन एवं माल ढुलाई का कार्य आम दिनों की तरह जारी रहा.
इन सभी खदानों ने राज्य सरकार द्वारा लगायी गयी पेनाल्टी का कुछ हिस्सा 31 दिसंबर से पूर्व ही जमा कर दिया था एवं मामले के समाधान हेतू राज्य सरकार से इन खनन कंपनियों की वार्ता निरंतर जारी है. खदान प्रबंधन के सूत्रों का कहना है कि हम लोग प्रारंभ से खनन के एवज में सरकार को रॉयल्टी देते आ रहे हैं और उस समय सरकार कभी नहीं कही कि हम अवैध तरीके से खनन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद सरकार ने हम पर अवैध खनन का आरोप लगाकर मनमाने ढंग से भारी पेनाल्टी लगायी है, जो उचित नहीं था.
इसके बावजूद जरूरत के अनुसार हमने पेनाल्टी की कुछ राशि जमा कर दी है एवं सरकार से पुनर्विचार हेतू आग्रह किया है. दूसरी तरफ सेल की गुआ, किरीबुरू एंव मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खदान से सड़क मार्ग से लौह अयस्क की ढुलाई नहीं होती है बल्कि लौह अयस्क की सभी ढुलाई खदानों में स्थित रेलवे साइडिंग से रेलवे अपने रैक के जरिये करती है एवं रेलवे के कांटा पर ही लौह अयस्क का वजन होता है, जिससे अवैध माइनिंग कर सेल लौह अयस्क की चोरी नहीं कर सकती है. मामले में विभिन्न खदान प्रबंधनों के उच्च अधिकारी खुल कर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार से बातचीत चल रही है. सरकार व न्यायालय का जैसा आदेश आयेगा, वैसा किया जायेगा. हालांकि सेल की तमाम खदानों एवं देवका बाई वेल्जी आदि खदानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पैसा जमा कराने के दिये गये डेडलाइन से पहले ही पैसा जमा किये हैं. उन्हें वर्तमान में माइनिंग चालान मिल रहा है एवं उत्पादन व माल ढुलाई में किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आ रही है.
पूर्वी सिंहभूम के नौ खदान बंद, कई मजदूर बेकार
पूर्वी सिंहभूम जिले के नौ खदान को बंद करा दिया गया है. खदान मालिकों पर करीब 47 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसके तहत खदान मालिकों को कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तत्काल राशि का भुगतान कर दिया जाये, नहीं तो उसको बंद किया जाये.
इसके तहत कॉपर, पैरोक्सनाइट, काइनाइट, क्वार्टजाइट, सोप स्टोन, क्वार्टजाइट, गोल्ड समेत अन्य माइंस संचालन करने वाले को कहा गया है कि जब तक वे लोग पैसे नहीं देते हैं, तब तक उनको संचालन नहीं किया जा सकता है. इसके बाद सैकड़ों मजदूर बेकार हो चुके हैं.
पूर्वी सिंहभूम में खदानों की स्थिति
खदान संचालक मौजा माइंस एरिया (हेक्टेयर) पेनाल्टी की राशि
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सुरदा, बंसोल, सोहदा कॉपर 388.68 435377799 रुपये
शेखर सिंह हतनाथबेदा व चांदपुर पैरॉक्सनाइट 16.01 15,71,392 रुपये
खिरोद मोदी गम्हराकोचा पैरॉक्सनाइट 34.75 5796274 रुपये
प्रभात कुमार आदित्यदेव मटकू पैरॉक्सनाइट 70.92 3576755 रुपये
जेएसएमडीसी ज्योति पहाड़ी काइनाइट 50.25 5091569 रुपये
डगलस डायस दामुडीह क्वार्टजाइट 18.846 1046408 रुपये
निखिल कुमार डे बुरुहातू सोप स्टोन 23.809 841343 रुपये
भारत माइनिंग खेर क्वार्टजाइट 5.88 2335547 रुपये
मनमोहन मिनरल केंदरुकोचा गोल्ड 19.50 9118746.52 रुपये
सारे खदान में से अधिकांश बंद है : खनन पदाधिकारी
सारे खदान में से अधिकांश बंद ही है. इन सारे खदान के मालिकों को उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया गया है. यूसिल को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. एचसीएल का सुरदा माइंस चल रहा है, शेष अन्य खदान बंद है.
वेंकटेश कुमार, खनन पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम

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